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मोहन के सिंहस्थ प्लान पर कैलाश की आपत्ति, 2312 करोड़ की सड़कों के खेल पर नूरा कुश्ती!

भोपाल मध्य प्रदेश: उज्जैन सिंहस्थ को लेकर मध्यप्रदेश शासन की तैयारियां जोरों पर हैं। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं और कई योजनाएं भी स्वीकृत हो चुकी है। इन्हीं में से एक योजना है, 100 km लंबी 3 सड़कों का निर्माण जिसको। प्रशासकीय मंजूरी दे दी गई है मोहन? मंत्रिमंडल ने यह योजना सिंहस्थ के दौरान लोगों की सुविधा ट्रैफिक लोड।को कम करने के उद्देश्य से बनाई है। इन सड़कों का कुल  बजट 2312 करोड़ रुपए है। लेकिन सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर चल रही कैबिनेट में अंदर से जो खबर निकलकर आ रही है। उसमें इस बजट को लेकर कैबिनेट में ही सहमति नहीं है। अपने बेबाक और स्पष्ट रवैये के लिए पहचान रखने वाले नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति दर्ज की है। उनकी इस आपत्ति पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी मुहर लगा दी है। 

आज समाचार पत्रों में छपी खबर के अनुसार उज्जैन की 2312 करोड़ की सड़कों पर कैलाश की आपत्ति की है साथ ही प्रहलाद भी बोले, इतनी लागत क्यों। खबर में यह उल्लेख है कि सिंहस्थ के लिए उज्जैन की रोड कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए मोहन मंत्रिमंडल ने 100 km लंबित 3 सड़कों को प्रशासकीय मंजूरी दे दी है। हालांकि इसके निर्माण का प्रस्ताव सवालों में घिर गया। नगरीय विकास एवं ग्रामीण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसके लिए 2312 करोड़ के बजट पर आपत्ति ली तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी कह दिया कि इनकी इतनी लागत क्यों है? नई सरकार के कैबिनेट बैठकों में पहली बार ऐसे सवाल जवाब हुए हैं करीब 10- 15 मिनट की चर्चा और मुख्य सचिव अनुराग जैन के समझाने के बाद प्रस्ताव पास हो गया।

खबर में यह भी उल्लेख है कि किसने क्या कहा किस प्रकार से सवाल जवाब हुए। पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने सिंहस्थ की दृष्टि से उज्जैन में 1103 करोड़ व 207 करोड़ की तीन सड़कें बनाने की बात रखी और कहा कि इससे सिंहस्थ में मदद मिलेगी उज्जैन भी क्राउडेड नहीं होगा। इस पर कैलाश विजयवर्गीय ने आपत्ति दर्ज की और कहा कि अभी तो सिंहस्थ में समय है वैसे भी उज्जैन। में सड़कों को सिंहस्थ के फंड से बनाना चाहिए। शासन मत से क्यों सड़कें बनाई जा रही हैं? इस पर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने जवाब दिया कि सिंहस्थ का फंड सिर्फ पांच सौ करोड़ है। विजयवर्गीय ने इसका समाधान बताते हुए कहा कि यदि ऐसा है तो केंद्र से सिंहस्थ का बजट बढ़वाएँगे इतना पैसा उज्जैन में ही दे देंगे, तो फिर बाकी सड़कों का क्या होगा। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने समझाते हुए कहा कि सड़क बनने में तीन-चार। साल लगते हैं। बीओटी में हो। तो फाइनेंशियल क्लियरेंस में। एक से 1 1/2। साल लगता है। शासन सड़क बना उस पर टोल लगाएगा, सड़क के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाएँगे लैंड पूलिंग  में भी पैसा मिलेगा। इसपर मुख्यमंत्री ने बिल्कुल कहते हुए सहमति जताई। प्रहलाद पटेल ने भी। इन सड़कों की अधिक लागत होने की बात कही जिस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सड़कें बड़ी हैं,जरूरी है। 

तमाम आपत्ति के बाद हालाँकि यह प्रस्ताव पास हो गया। लेकिन कैबिनेट में हुए इस तरह के सवाल जवाब अब कई सवाल खड़े कर रहे हैं। आपको बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय हमेशा अपनी स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं और यदि उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर कहीं कोई आपत्ति दर्ज की है तो इसमें कोई न कोई गहराई अवश्य होगी। यदि यह सड़कें सिंहस्थ के। लिए बनाई जा रही हैं तो यह बात भी सही है। इसका फंड तो केन्द्र सरकार से ही सिंहस्थ के तैयारी के लिए लिया जाना चाहिए। यहां कैलाश विजयवर्गीय की यह चिंता भी है जायज है। यदि इतना बड़ा बजट केवल इन तीन सड़कों को दे देंगे तो बाकी अन्य क्षेत्रों की सड़कों का क्या होगा। विजयवर्गीय का यह सुझाव भी प्रशंसनीय है की सिंहस्थ का बजट बढ़ाने के लिए केंद्र से बात करनी चाहिए। हालांकि यह प्रस्ताव तो कैबिनेट में पास हो गया लेकिन कैलाश विजयवर्गीय की आपत्ति कई सवाल छोड़ गई।

Gajendra Ingle
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