ग्वालियर मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में एक ऐसा अस्पताल भी है जहां पर भूत ऑपरेशन करके चले जाते हैं और अस्पताल प्रबंधन को पता ही नहीं चलता। यह सुनने में आपको बड़ा अटपटा लग रहा होगा। लेकिन जो मामला सामने आ रहा है वह तो यही हकीकत बता रहा है। क्योंकि इस समय जया आरोग्य अस्पताल प्रबंधन एक ऐसे ऑपरेशन की जांच में जुटा है जिसमें उन्हें ये पता करना है कि 22 फरवरी, 2023 को कमला देवी नामक मरीज का ऑपरेशन किस डॉक्टर ने किया था लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी आपरेशन करने वाले डॉक्टर का नाम जया जय आरोग्य प्रबन्ध खोज नहीं पा रहा है। इसलिए अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस अस्पताल में भूत इलाज और ऑपरेशन कर जाते हैं। और आपरेशन के बाद ऐसे गायब हो जाते हैं कि उनका पता ही नहीं चलता। www.theinglespost.com
चलिए पूरा मामला हम आपको बता देते हैं हुआ यूं भिंड निवासी कमला देवी को फरवरी 20 23 में जय आरोग्य अस्पताल के कमला राजा अस्पताल में भर्ती कराया गया। 22 फरवरी को कमला देवी का अंडाशय में कैंसर की गठान का ऑपरेशन हुआ और 6 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज किया गया। कमला देवी भी अपने घर चली गई। कुछ समय बाद उन्हें पेट दर्द की शिकायत रहने लगी जिस पर उन्होंने भिंड अस्पताल में ही डॉक्टर को दिखाया। जब भिंड में डॉक्टर की सलाह पर कमला देवी का एक्सरे कराया गया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। कमला देवी के पेट में कैंची नुमा लगभग पाँच इंच बड़ा एक औजार पड़ा हुआ था। डॉक्टर इसे चिकित्सकीय भाषा में आर्टरी फोरसेप कहा जाता है जिसका उपयोग धमनियों के रक्त प्रवाह को रोकने के लिये किया जाता है और ऑपरेशन के बाद इन्हें हटा लिया जाता है। यह देखने के बाद भिंड के डॉक्टर ने मरीज पति कमलेश को वापस ग्वालियर जय आरोग्य अस्पताल जाने की सलाह दी। www.theinglespost.com
जब महिला ग्वालियर में पहुंची और मीडिया के संपर्क में आई तो जय आरोग्य अस्पताल में चल रही इस तरह की गड़बड़ी का घड़ा फूट गया। मरीज कमला देवी के पति कमलेश। कहते हैं की पत्नी के इलाज में लाखों। रुपये खर्च हो गए तमाम कर्ज भी लेना पडा। अब ऑपरेशन में जिस डॉक्टर ने लापरवाही से औजार थोड़ा है उसके खिलाफ कार्रवाई तो होना चाहिए। लेकिन यहाँ अब जय आरोग्य अस्पताल का गड़बड़ झाला देखिए कि उन्हें ये ही नहीं पता कि उनके ऑपरेशन थियेटर में ऑपरेशन करने वाला कौन है? इस घटना को दो दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक जय आरोग्य प्रबंधन को आपरेशन करने वाले डॉक्टर का नाम पता नहीं चल सका है जिसकी लापरवाही से इस महिला को इतनी परेशानी हुई। ऐसा लग रहा है कमला राजा अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में भूत आकर इलाज और ऑपरेशन कर जाते हैं और बाद में गायब हो जाते हैं। Doctor left forceps in abdomen
अब जब इलाज और ऑपरेशन ही भूत ने किया है तो फिर इसको ढूंढने का काम जय आरोग्य प्रबंधन कैसे करेगा। इसके लिए धाकड़ ओझा प्रयास कर रहे हैं। अब ओझा के प्रयास से भूत निकलकर सामने आएगा या यह भूत इन ओझा महाशय को भी काबू में कर लेगा। ओझा जी तो यही बता रहे हैं कि यह कैंची नहीं फोरसेप है? ऑपरेशन से पहले और बाद में सभी सामान की गिनती होती है।विधिवत इसका प्रशिक्षण सभी को दिया जाता है। इसके बाद भी चूक कैसे हो गई यह तो बड़ी बात है। यहां यह चूक ही बड़ी नहीं है। यह भूत भी बड़ा है यह व्यवस्था भी बढी है और अब इस पर लीपा पोती करने वाले सबसे बड़े हैं। क्योंकि आज तक तो जय आरोग्य अस्पताल के इतिहास में संभवतः शायद ही कभी ऐसा हुआ हो। कि किसी लापरवाह की जांच वहीं के ओझाओं ने की हो और उस पर दोष सिद्ध हुआ हो!
और अंत में आप समझ लें इस अस्पताल प्रबंधन के ओझा भूत दोनों को पता है की पीड़ित एक आम गरीब आदमी है। और आम गरीब आदमी कब तक संघर्ष करेगा और कानून की लड़ाई लड़ेगा। कुछ दिनों में मामला रफा दफा हो जाएगा। यदि यहि गड़बड़ झाल किसी रसूखदार माननीय होत बड़े। अधिकारी के साथ हुआ होता तो कुछ घंटों में ही सारे ओझा इकट्ठा होकर ऐसी झाड़ फूंक करते के यह ऑपरेशन करने वाला भूत खुद बाहर निकलकर गिडगडाने लगता। हालाँकि जय आरोग्य अस्पताल में अब पेट। में टॉटरी फोरशिप लिए कमला देवी का ऑपरेशन कर दिया गया है। उनके शरीर से यह औजार बाहर निकाल लिया गया है। और अब वह खतरे से बाहर बतायी जा रही है। और सबसे मजेदार बात यह है इस बार बार ऑपरेशन ऑपरेशन किसी भूत ने नहीं बल्कि डॉ नीलम राजपूत और डॉक्टर राजेश प्रजापति ने किया है यह बात जय आरोग्य प्रबंधन स्वयं प्रमाणित कर रहा है। खैर इस कहानी का अंत यह साबित कर देगा। इस देश में दो विधान हैं एक गरीब के लिए और दूसरा रसूखदार के लिए। सारे ओझा भूत को ढूंढ भी लें तो यही साबित होगा कि यह मिस्टेक है न कि मेडिकल नेग्लीजेंसी। क्योंकि हमारे देश में मेडिकल नेग्लिजेंसी नामक विलुप्तप्राय पक्षी केवल किताबों में पाया जाता है। इसलिए कमला देवी जी, कमलेश जी आप वापस घर जाइये और इस सिस्टम को दुहाई देते हुए अपने आम कामकाज में जुट जाइए। यहाँ तो ऐसा ही चलता रहेगा। फिर कोई दूसरी कमला देवी आएगी। उसकी इलाज में लापरवाही होगी। मेडिकल नेग्लीजेंसी को दरकिनार किया जाएगा। और यहाँ के ओझा झूठी जांच सांच को छुपा लेंगे। और बड़े बड़े मंत्री अधिकारी और मीडिया हाउस मंच पर इन्हीं ओझाओं को पुरस्कृत करते नज़र आएंगे!