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देश की पहली मेडिसिटी का उज्जैन में भूमिपूजन, सीएम यादव ने बताई ये रहेंगी सुविधाएं

उज्जैन मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज की सौगात दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण आज भूमि-पूजन के साथ शुरू हो जाएगा, जिसे सिंहस्थ से पहले पूरा करने का लक्ष्य है। यह अत्याधुनिक सुविधा स्वास्थ्य सेवा के हर पहलू को भगवान महाकाल के दिव्य मार्गदर्शन में लाएगी और उज्जैन को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व स्तर पर स्थापित करेगी। उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ मेडिकल डिवाइस पार्क भी विकसित किया जाएगा। परिसर में एक ऊंची इमारत होगी, जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जगह का अधिकतम उपयोग हो सके, जिसमें डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मियों के लिए आवासीय व्यवस्था होगी।

डॉ. यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश के गठन के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2003-04 में मात्र 5 से बढ़कर आज 30 हो गई है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व को जाता है। इनमें से 17 सरकारी और 13 निजी संस्थान हैं। सरकार 12 अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज भी तैयार कर रही है, जिसमें उच्च क्षमता वाले अस्पतालों में चिकित्सा शिक्षा को एकीकृत करने की योजना है। पहले अलग-अलग चिकित्सा शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभागों को अब दक्षता बढ़ाने और संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए विलय कर दिया गया है, जिससे आम जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। यह परियोजना विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए सरकार और समाज के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को उज्जैन में 592.30 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले मेडिसिटी और सरकारी मेडिकल कॉलेज के भूमि पूजन के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। समारोह के दौरान वेदपाठी ब्राह्मणों ने स्वस्ति मंत्रों का उच्चारण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिसिटी और सरकारी मेडिकल कॉलेज सिंहस्थ 2028 से पहले चालू होने की उम्मीद है। उन्होंने निजी क्षेत्र के सहयोग से उज्जैन को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने की संभावनाओं पर भी जोर दिया, जिससे न केवल राज्य भर के बल्कि विदेशों से भी मरीजों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आयुष्मान भारत निरामय योजना की शुरूआत के बाद राज्य सरकार ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए हवाई सेवा शुरू की है, जिससे उन्हें तीन महीने के भीतर बड़े अस्पतालों में समय पर उपचार मिल सके। जिन क्षेत्रों में हवाई अड्डे या रनवे नहीं हैं, वहां मरीजों को हवाई मार्ग से लाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है।

डॉ. यादव ने यह भी कहा कि राज्य में मेडिकल छात्रों की संख्या, जो वर्तमान में 5,000 है, निकट भविष्य में दोगुनी होकर 10,000 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश में पाँच आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। उज्जैन में आयुर्वेदिक धन्वंतरि महाविद्यालय को एम्स के बराबर एक पूर्ण सुसज्जित संस्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसकी प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। क्षेत्र की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को और बढ़ाने के लिए उज्जैन में एक होम्योपैथी कॉलेज भी स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को रोजगारोन्मुखी पैरामेडिकल एवं नर्सिंग शिक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे प्रदेश में रोजगार उपलब्ध होगा। पैरामेडिकल एवं नर्सिंग परीक्षाएं विश्वविद्यालय को ही आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में शव वाहन की व्यवस्था भी की जा रही है।

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