सागर मध्य प्रदेश: मंगलवार को मध्यप्रदेश के सागर जिले में टेरिटोरियल आर्मी की 97 पदों की भर्ती थी जिसमें भर्ती रैली में हजारों की संख्या में युवक पहुंच गए। पूरे शहर में हर तरफ अव्यवस्था और भीड़ का आलम था। इस भर्ती में एक बार फिर सेना और जिला प्रशासन की नाकामी उजागर हुई। जिसके चलते न केवल भर्ती में आए युवकों को बल्कि शहर के नागरिकों को भी परेशान होना पड़ा। इंतहा तो तब हो गई जब इस अव्यवस्था को अपने कैमरे में क़ैद करने वाले पत्रकारों तक वहां सुरक्षा में लगे कर्मचारियों ने पीट दिया। हालांकि इस मामले में अब तक न। तो कोई एफआईआर हुई है और ना ही आगे की कोई कार्रवाई।
आपको बता दें कि सेना के टेरिटोरियल आर्मी के सत्तानबे पदों के लिए भर्ती रैली का आयोजन सागर।में किया गया था। मंगलवार को इस भर्ती के आयोजन के लिए तमाम युवा सागर पहुंच गए। सूत्रों की मानें तो सत्तानबे पदों के लिए दस हजार से अधिक युवा प्रदेश के अन्य चौदह जिलों से सागर पहुंचे थे। दो दिवसीय भर्ती प्रक्रिया सोमवार को शुरू हुई और मंगलवार तक चली। रविवार रात को ही युवाओं का सागर आना शुरू हो गया था और युवाओं ने सदर क्षेत्र के आस। पास डेरा डाल लिया था। भारती स्थल से एक किलोमीटर दूर तक केवल केवल युवा ही युवा नजर आ रहे थे। भर्ती इस स्थल से कुछ मीटर की दूरी तक सेना के जवान सुरक्षा बना रहे थे। लेकिन बाकी जगह पर व्यवस्था राम भरोसे थी। न तो सेना ने कोई इंतजाम किया था न जिला प्रशासन ने।
झांसी मार्ग पर जिस जगह पर आर्मी। की भर्ती रैली चल रही थी। वह सड़क आम लोगों के लिए भी खुला रखा गया था वहां से वाहन निकल रहे थे जिससे अव्यवस्था बढ़ रही थी। इसी दोरान भर्ती प्रक्रिया का कवरेज करने पत्रकार विष्णु सोनी और अनुज वहां पर पहुंचे और वहां फैली अव्यवस्था।का वीडियो बनाने लगे। अव्यवस्थाओं का वीडियो बनाना वहां पर खड़े सुरक्षाकर्मियों। को नागवार गुजरा जब पत्रकारों ने अपना परिचय पत्र इन। सुरक्षाकर्मियों को दिखाते हुए आगे जाकर कवरेज करने की बात कही तो सुरक्षाकर्मियों ने उनकी न सुनते हुए उन पर लाठी बरसाना शुरू कर दी। इस घटना में अनुज के आंख पर गंभीर चोट आई है और विष्णु सोनी के भी हाथ में चोट आई हैं। इस घटना के बाद तमाम पत्रकार कैंट थाने पहुंचे और घटना की लिखित शिकायत दर्ज की। हालांकि इस मामले में अभी तक पुलिस द्वारा किसी कार्रवाई की सूचना नहीं है।
अक्सर ऐसा होता है कि सेना भर्ती के दौरान सेना की व्यवस्था के साथ ही लोकल प्रशासन की व्यवस्था फेल हो जाती है और एक बार यही घटना घटना सागर।में फिर से देखने को मिली। आपको बता दें कि इस तरह की अव्यवस्थाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं। 12 नवंबर, 2014 को ग्वालियर मेला ग्राउंड में हुई सेना भर्ती में तो अव्यवस्था का आलम यह था कि कई गाडियों को तक भर्ती में आए युवाओं ने आग के हवाले कर दिया था। इसमें भी कई मीडियाकर्मियों को चोटें आई थीं। और दो मीडियाकर्मियों की मोटरसाइकिल भी जला दी गई थी। सेना भर्ती के दौरान भीड़ को उमड़ना स्वाभाविक है इसके बावजूद इन घटनाओं से न।तो सेना सबक लेती है, न ही लोकल प्रशासन।
हालाँकि सागर में हुई सेना भर्ती के दौरान एक सकारात्मक चेहरा भी समाज का देखने को मिला जब दूर दूर से आए सेना भर्ती के युवाओं को भूखा प्यासा। देखकर वहां के तमाम समाजसेवियों ने लंगर। शुरू कर दिया और सेना भर्ती में आए युवाओं को निश्शुल्क भोजन और पानी उपलब्ध कराया।
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