Tuesday, December 24, 2024
11.1 C
Delhi
Tuesday, December 24, 2024
HomeEditors deskकार्य दिवस में नाकामी का नतीजा रविवार को दफ्तर खोल सीएम हेल्पलाइन...

कार्य दिवस में नाकामी का नतीजा रविवार को दफ्तर खोल सीएम हेल्पलाइन का निराकरण, फिर वाहवाही किस बात की?

आज कल सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से लंबे समय से लंबित सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान में शिकायतों के निपटारे का दबाव इतना है कि विभिन्न विभागों के दफ्तर रविवार को भी खोले गए और सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों का निराकरण किया गया। रविवार को काम करना पता। रविवार को दफ्तर खोलना बता तमाम विभाग वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन यह वाहवाही क्यों रविवार को दफ्तर क्यों खोलने पड़े? उसका साफ कारण यह है कि कार्य दिवस में आपने वह काम नहीं किया जो आपको करना चाहिए था। अमूमन कोई भी नागरिक सबसे पहले संबंधित विभाग में ही शिकायतकर्ता है और जब संबंधित विभाग। कार्रवाई नहीं करता तो अंतिम विकल्प के रूप में ही शिकायतकर्ताे  सीएम हेल्पलाइन के पोर्टल पर शिकायत दर्ज करता है।  सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज होने के बाद भी वह शिकायत संबंधित विभाग और संबंधित अधिकारियों तक ही पहुँचती है। लेकिन उस समय भी इन। जिम्मेदार अधिकारियों का रवैया मामले को टालने और शिकायत की सुनवाई न करने का होता है जिसके चलते सीएम हेल्प लाइन पर भी यह प्रकरण लंबे समय तक लंबित रहते हैं। 

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के तमाम ऐसे मामले हैं जिनमें शिकायत पर कार्रवाई न करते हुए जिम्मेदार अधिकारी शिकायत के संबंध में गलत जानकारी जवाब के रूप में दे देते हैं। कई बार तो ऐसी भी सूचनाएं आती हैं की शिकायतों को फोर्स क्लोज कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में लंबे समय से निराकरण की राह देख रहा शिकायतकर्ता स्वयं को ठगा सा महसूस करता है। सीएम हेल्पलाइन पर कई शिकायतें तो ऐसी भी हैं जो विभिन्न विभागों के पास फुटबॉल की तरह घूमती रहती हैं। महीनों इन शिकायतों को एक विभाग दूसरे विभाग में, दूसरा विभाग तीसरे विभाग में ट्रांसफर करता रहता है। ऐसे तमाम शिकायतकर्ता हैं जो सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद भी निराकरण नहीं मिलने पर मायूस और हताश थे जिनकी खबर हम पूर्व में भी प्रकाशित कर चुके हैं। 

सी एम हेल्पलाइन पर लंबित शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही थी।जो एक चिंता का विषय थी। इसके चलते ही विशेष अभियान चला विभिन्न शिकायतों के निराकरण। के लिए। वर्तमान में वर्तमान तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके लिए प्राथमिकता पर सीएम हेल्पलाइन में लंबित प्रकरणों का समाधान किया जा रहा है और अब प्रकरणों के निपटान के लिए मजबूरी यह रही कि रविवार को भी विभिन्न दफ्तर खोलने पड़े।अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं से मोबाइल पर बात की उनकी समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने तमाम विभागों का निरीक्षण भी किया। रविवार को तहसील कार्यालय और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में भी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण कर। पोर्टल पर निराकरण का ब्यौरा दर्ज किया अन्य। शासकीय कार्यालयों में भी रविवार के दिन अभियान के तौर पर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण किया गया। 

रविवार को काम करके सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण। को कई विभाग बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं। रविवार को काम करना अपनी कर्मठता बता रहे हैं। लेकिन यहां सवाल यह उठता है की ऐसी नौबत क्यों आ गई। कि रविवार को भी विभागों को खोलकर सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण को निराकरण करने का काम करना पड़ा। आपको बता दें के सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज होने के बाद जब यह शिकायतें संबंधित विभागों में पहुंचती हैं उस समय यह विभाग इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते। और उल्टा शिकायतकर्ताओं को ही दबाव डालकर शिकायत वापस लेने की बात करते हैं और कार्यवाही क आश्वासन देते हैं। जब जब शिकायतकर्ता अपनी शिकायत वापस नहीं लेते हैं। तब उन्हें बार बार बुलाकर और टरका कर परेशान भी किया जाता है। कुछ शिकायतकर्ता हार भी जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपनी शिकायत को निराकरण के स्तर तक ले जाते हैं। इसके लिए उन्हें महीनों का इंतजार करना होता है यहां सीएम हेल्पलाइन में लंबित प्रकरणों की संख्या इसलिए भी बढ़ जाती है। क्योंकि जिन अधिकारियों ने पहले अपनी जिम्मेदारी न निभाते हुए शिकायतों का। निराकरण नहीं किया।यह शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज होने के बाद भी उन्हीं के पास पहुंचती है और उनका रवैया पूर्व की तरह ही नकारात्मक रहता है। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण न करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाती इसलिए भी सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को कुछ अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं। अब जिस तरह रविवार को सीएम हेल्प लाइन की शिकायतों का निराकरण कर। सुर्खियां बटोरी जा रही है यदि यह जिम्मेदार अधिकारी कार दिवस में ही अपने दायित्व का निर्वाह करते तो आज यह नौबत ही नहीं आती। साथ ही क्या आगे भी सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का समय सीमा में निराकरण होगा, यह भी एक यक्ष प्रश्न है?

मध्य प्रदेश सरकार हमेशा यह दावा करती है के सीएम हेल्पलाइन उनका सुशासन की ओर एक कदम है। और सी एम हेल्पलाइन को लेकर अपने विज्ञापन में यह दावा भी किया जाता है। कि यह शासन और नागरिकों के बीच में सिर्फ एक कॉल की दूरी है। लेकिन गैर जिम्मेदार और लापरवाह अधिकारी जिस तरीके से इस एक कॉल की दूरी को। लाइट ईयर। की दूरी बना देते हैं। और उसके बाद भी इनके ऊपर कोई कार्रवाई न होने चलते शिकायतकर्ताओं के मन में सरकार की नियत पर भी सवाल खड़े होते हैं। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार को सीएम हेल्प लाइन की शिकायतों को गंभीरता से न लेने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। 

theinglespost
theinglespost
Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular