ग्वालियर, मध्य प्रदेश: शहर में एक बार फिर दिनदहाड़े एक युवक पर अंधाधुंध फायरिंग करके उसे मौत के घाट उतार दिया गया। घटना की वजह पैसों का लेनदेन बताया जा रहा है। हत्या का आरोप प्रॉपर्टी डीलर और उसके 8 अन्य साथियों पर है। घटना के बाद आरोपी अपने घर पर ताला डालकर फरार हो गया है। वहीं पुलिस मामले की तफ्तीश में और आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
महाराजपुरा थाना अंतर्गत सुनील गुर्जर नामक एक युवक महाराजपुरा गांव में रहता था। सुनील पेशे से किसान था और प्रॉपर्टी की खरीदफरोख्त में पैसा लगाता था। सुनील को एक साल से प्रॉपर्टी से संबंधित 50 लाख रुपया पुष्पेंद भदोरिया से लेना था।
सोमवार शाम तकरीबन 5 बजे सुनील गुर्जर शताब्दीपुरम स्थित ए ब्लॉक में रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर पुष्पेंद्र सिंह सिंह भदौरिया से तकादा करने आया था। सुनील के भाई राजकुमार के अनुसार इसी दौरान पैसों के लेनदेन को लेकर पुष्पेंद्र सहित 8 लोगों ने सुनील पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हालांकि आरोपियों की संख्या अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। इस घटना में सुनील की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पुष्पेंद्र अपने घर में ताला डालकर परिजन के साथ भाग निकला। घटना की जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस और परिजन को दी। पुलिस ने मौके पहुंचकर पड़ताल शुरू कर दी। साथ ही फॉरेंसिंक टीम को भी मौके पर बुलवा लिया। पुलिस को मौके पर खाली राउंड मिले हैं।
पुलिस का कहना है कि सुनील पर लगभग 6 राउंड ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिसके चलते उसके शरीर में गोली लगने से उसकी मौत हो गई। पुलिस घटनास्थल के आसपास के लोगों से बात कर रही है और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है और मर्ग कायम करके मामले की विवेचना शुरू कर दी है। साथ ही फरार आरोपियों के संभावित ठिकानों पर दविश देने पुलिस की टीमें रवाना कर दी हैं।
अब हम आपको बताते हैं कि इस पूरे गोलीकांड में पुलिस की क्या भूमिका है। महाराजपुरा थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी को लेकर तमाम विवाद चलते रहते हैं। और इन विवादों में से कई विवाद थाने में भी पहुँचते हैं। लेकिन तमाम मामलों में थाने की उदासीनता ही दिखाई देती है। कई बार थाने पर ले देकर मामले को लटकाने के आरोप भी लगते हैं। इस थाने के तमाम कर्मचारी प्रापर्टी डीलरों से सांठगाँठ रखते हैं। सूरज गुर्जर के चाचा पूर्व पार्षद महेन्द्र गुर्जर बताते हैं कि पुष्पेन्द भदौरिया से प्रॉपर्टी को लेकर पचास लाख का लेनदेन था। जिसे लेकर एक साल से पुष्पेन्द्र टरका रहा था। और आज पुष्पेंद नहीं फ़ोन करके सूरज को पैसे लेने बुलाया था। और सूरज अकेला चला गया था। जहां पर पुष्पेंद अपने अन्य साथियों राजेश भदोरिया, देवेन्द्र भदौरिया, भोलू भदोरिया आकाश तोमर राहुल और दो अन्य लोगों साथ पूरी प्लानिंग करके बैठा था। और जब सूरज पहुंचा पैसों की मांग की तो सबने मिल कर सूरज को गोली मार दी। सूरज को छह बोली लगी। हालांकि इस मामले में परिवारजनों को यह जानकारी नहीं है कि सूरज ने लेनदेन की शिकायत महाराजपुर थाने में की थी या नहीं। लेकिन जिस तरह से इस थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी के विवाद और पैसे के लेनदेन की घटनाएं होती हैं। इस थाने को इन विवादों को गंभीरता से लेना चाहिए।