सबसे पहले तो मैं आपको बता दूँ कि इस लेख को पढ़ने वाला हर एक व्यक्ति ग्राहक हैं। क्योंकि आप प्रतिदिन सुबह से शाम तक किसी न किसी सेवा या वस्तु का क्रय करते ही हैं। लेकिन आजकल भ्रामक व लुभावने विज्ञापन के झांसे या बाजार के प्रपंच में आकर धोखाधड़ी का शिकार भी कई ग्राहक हो जाते हैं। यदि आपके साथ कोई गलत सामान खरीदने के बाद यह सेवा में कमी के कारण उपभोक्ता संरक्षण नियम का उल्लंघन हुआ है तो आपके लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का हथियार एक ब्रह्मास्त्र है, लेकिन इसके लिए आपको एक जागरूक ग्राहक बनना होगा पहल खुद ही करनी होगी। आगे इस लेख में जो जानकारी है वह हर ग्राहक के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए प्रत्येक पंक्ति को बहुत ध्यान से पढ़ें और समझें और अपने अधिकार को पहचान कर ग्राहक हित की आवाज को मजबूत बनाएं।
अगर झूठे विज्ञापन, घटिया उत्पाद, मिलावट, कम मात्रा एवं अपर्याप्त सेवाओं के जरिए ग्राहकों के साथ छल होता है तो उचित प्लेटफॉर्म पर शिकायत करनी चाहिए। जिला एवं राज्य आयोगों के अतिरिक्त उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के हेल्पलाइन नंबर, ई-जागृति एवं ई-दाखिला प्लेटफार्म से समाधान मिल सकता है। नए अधिनियम में ग्राहकों के नुकसान के अनुसार जेल या जुर्माना का प्राविधान है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 हर एक आम ग्राहक को। छह मौलिक अधिकार देता है, जिनमें सुरक्षा, सूचना, उत्पादों के चयन, शिकायत पर सुनवाई एवं समस्या का समाधान मांगने के साथ जागरूकता का अधिकार भी हैं। ग्राहकों को उत्पाद की मात्रा, शुद्धता, मानक, मूल्य एवं गुणवत्ता की सूचना लेने का अधिकार है। कई मामलों में त्वरित समाधान मिलने से उपभोक्ता निवारण तंत्र पर लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। नए कानून में अपने हिसाब से उत्पादों के चयन, धोखाधड़ी पर उसका निवारण और शिकायत सही होने पर मुआवजा पाने का प्रविधान है। प्रमाण के लिए किसी भी खरीदारी का पक्का बिल जरूरी होगा। समाधान देने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। शिकायत उसी आयोग में दर्ज किया जा सकता है, जिस क्षेत्र में ग्राहक या दूसरा पक्ष रहता है। शिकायत पत्र देने के तीन हफ्ते के भीतर स्वीकार्यता तय करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर मामला अपने आप सूचीबद्ध हो जाएगा। लेकिन आपको यह सब तभी प्राप्त होता है जब आपको एक ग्राहक के कानूनी अधिकार की जानकारी हो और आपको ग्राहक के अधिकार प्राप्त करने का सही मंच भी पता हो।
उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए तीन स्तर की अदालतें हैं। जिला, राज्य एवं केंद्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग बनाए गए हैं। इनमें ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से शिकायत दी जा सकती है। ऑफलाइन की स्थिति में पहले जिला में शिकायत करनी होगी। वहां से समाधान नहीं मिलने पर 30 दिनों के भीतर राज्य आयोग में अपील की जा सकती है। वहां से भी संतुष्टि नहीं मिली तो महीने भर के भीतर राष्ट्रीय आयोग में अपील की जा सकती है। शिकायत पत्र पर दोनों पक्षों के नाम और पते लिखा होने चाहिए। त्वरित समाधान के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के टोल-फ्री नंबर 1915 के जरिए 17 भाषाओं में शिकायत की जा सकती है। जिला-राज्य स्तरीय आयोगों में ई-दाखिल के माध्यम से ऑनलाइन समाधान मांगा जा सकता है। राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के आयोगों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी सुविधा है।
पहले एक विक्रेता केवल तौल और मिलावट। से सम्बंधित अनुचित साधन प्रयोग करके ग्राहकों को नुकसान पहुंचाता था। लेकिन अब कई कंपनियां ऑनलाइन बिक्री करने लगी हैं। हर दिन करोड़ों रुपये के घटिया उत्पाद बिकते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग के साथ ही ग्राहकों के साथ हो रही धोखाधड़ी का भी क्षेत्र व्यापक हो गया है, इसलिए ग्राहकों को अपने अधिकार के बारे में पता होना चाहिए। खरीदे गए सामान में खामियां निकल आती हैं तो संबंधित दुकानदार वापस लेने या रिप्लेस करने से इन्कार नहीं कर सकता। ऐसे ही ऑनलाइन ई कॉमर्स कंपनी भी खरीदे गए उत्पाद को वापस लेने से इनकार नहीं कर सकती। ऐसा अमूमन देखा गया है कि खरीदे गए सामान रिटर्न इस समय सीमा 7। दिवस बताई जाती है लेकिन कई बार उसके बाद सामान खराब होने पर ग्राहक ऑनलाइन ई। कॉमर्स कंपनी को संपर्क नहीं करता और शिकायत भी नहीं करता और यदि शिकायत करता भी है तो समय सीमा निकल जाने की बात कहकर उसकी शिकायत को क्लोज कर दिया जाता है।
ग्राहक अधिकार से संबंधित व ग्राहक जागरूकता के लिए अखिल भारतीय स्तर पर एक संगठन पिछले लंबे समय से काम कर रहा है। इसकी इकाई देश के हर जिले वह तहसील में हैं। यह संगठन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत लगातार ग्राहक हित में नए नियम कानून बनाने के लिए भी सरकार पर दबाव बनाता है। इसके साथ ही समय समय पर सभी जिलों में ग्राहक जागरूकता शिविर स्कूल कॉलेज मोहल्ला कालोनी स्तर तक आयोजित किए जाते हैं। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत अभी तक प्रत्यक्ष। रूप से भी कई ग्राहकों के हक की लड़ाई उपभोक्ता फोरम तक लड़ चुका है और उन्हें न्याय दिलाया है। इसके साथ ही कई बार कई ग्राहक हित के विषय सड़क से लेकर संसद तक उठाए हैं। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का केवल एक ही उद्देश्य है कि हर एक ग्राहक को जागरूक करें ताकि वह अपने साथ होने वाले धोखाधड़ी से लड़ने के लिए स्वयं अपनी लड़ाई लड़ सकें। और जहाँ आवश्यकता होती है वहाँ अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत स्वयं भी ग्राहक के कई मामलों को न्यायालय स्तर तक उठाता है। आपको बता दें कि अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाला ग्राहकों का देश का सबसे बड़ा संगठन है।