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भोपाल ड्रग फैक्ट्री काण्ड के बाद ग्वालियर प्रशासन एक्शन मोड में, कई फैक्ट्रियों की जाँच, नशीले पदार्थ पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

फैक्ट्रियों में तैयार की जा रही सामग्री व स्टॉक का बारीकी से लिया जायजा, दिए निर्देश नशीले पदार्थों के निर्माण पाए जाने पर होगी सख्त कार्रवाई, मध्य प्रदेश में लगातार नशीले पदार्थों की फैक्ट्री मिलने के बाद ग्वालियर में प्रशासन ने कई क्षेत्रों में दवा निर्माता कंपनियों की जांच की।

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: जिले के सभी एसडीएम सोमवार को अपने-अपने क्षेत्र में स्थित दवा सामग्री बनाने वाली फैक्ट्रियों के निरीक्षण के लिए पहुँचे। इस दौरान उन्होंने अंग्रेजी, आयुर्वेदिक एवं अन्य चिकित्सा पद्धतियों की दवाओं व लिकर इत्यादि के निर्माण में उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री का बारीकी से जायजा लिया।
अभियान बतौर दवा सामग्री फैक्ट्रियों की जाँच के लिए निकले सभी एसडीएम ने खासतौर पर देखा कि फैक्ट्री में जिसकी अनुमति है, उसके अलावा कोई अन्य नशीला ड्रग्स तो तैयार नहीं किया जा रहा। साथ ही निर्धारित मात्रा से अधिक स्टॉक तो नहीं है।
एसडीएम डबरा श्री दिव्यांशु चौधरी ने डबरा स्थित एक फैक्ट्री का निरीक्षण किया। इस फैक्ट्री में वैद्यनाथ व अन्य लोकल ब्रांड की दवाओं के लिये सामग्री तैयार हो रही थी। फैक्ट्री में निर्धारित मानकों के अनुसार स्टॉक व सामग्री पाई गई। इस फैक्ट्री में अश्वगंधा, शतावरी, आंवला, गिलोय, अर्जुन, ऐलोवेरा व करेला इत्यादि से संबंधित सामग्री पाई गई।
इसी तरह एसडीएम मुरार श्री अशोक चौहान ने मुरार स्थित आरन ड्रग यूनिट का निरीक्षण किया। एसडीएम ग्वालियर सिटी श्री अतुल सिंह व एसडीएम लश्कर श्री नरेन्द्र बाबू यादव ने भी अपने-अपने क्षेत्र की दवा सामग्री निर्माण फैक्ट्रियों का बारीकी से निरीक्षण किया।


ज्ञात हो जिले में संचालित ऐसी फैक्ट्रियों जिनमें अंग्रेजी व आयुर्वेदिक दवाओं व लिकर अथवा अन्य प्रकार की दवाओं के निर्माण में उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री का निर्माण किया जाता है, उन सभी फैक्ट्रियों का अभियान बतौर निरीक्षण के लिये कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान द्वारा संबंधित एसडीएम के नेतृत्व में पाँच दल गठित किए हैं। इन दलों द्वारा ऐसी सभी फैक्ट्रियों की जाँच के दौरान खासतौर पर यह देखा जाएगा कि इनमें नशीली दवाईयाँ बनाने में उपयोग होने वाली कच्ची सामग्री का निर्माण तो नहीं किया जा रहा है। भोपाल की फैक्ट्री में नशीले पदार्थ एमडी ड्रग्स का निर्माण, विक्रय तथा नशीली दवाईयाँ बनाने में उपयोग में होने वाली कच्ची सामग्री पाए जाने की घटना संज्ञान में आने पर कलेक्टर श्रीमती चौहान ने जिले की फैक्ट्रियों के जाँच के लिए आदेश जारी किया है।
अंग्रेजी व आयुर्वेदिक दवाओं व लिकर इत्यादि की सामग्री बनाने वाली क्रियाशील व बंद फैक्ट्रियों की बारीकी से जाँच में यदि अधिकृत सामग्री के अलावा कोई नशीले ड्रग अथवा नशीले ड्रग में उपयोग होने वाली कच्ची सामग्री का निर्माण पाया जाने पर शासन के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। जाँच के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि इन फैक्ट्रियों द्वारा अधिकृत के अलावा किसी अन्य फर्म या व्यक्ति को सामग्री की बिक्री तो नहीं की जा रही है।

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