ग्वालियर, मध्य प्रदेश: शहर के जाने-माने वकील सुरेश अग्रवाल ने संदेहास्पद परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। उनका शव विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के बलवंत नगर स्थित मनोहर एन्क्लेव के फ्लैट में मिला है। इस फ्लैट में कोई नहीं रहता था और यह फ्लैट खाली रहता था। यहां कभी-कभार ही सुरेश अग्रवाल आते थे। बेहद हंसमुख और चर्चित वकील सुरेश अग्रवाल ने ये आत्मघाती कदम क्यों उठाया इसको लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। फिलहाल घर वालों की स्थिति ऐसी नहीं है कि उनसे कुछ पूछताछ की जा सके। इसलिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच पुलिस को मौके से कुछ जन्मपत्री और भविष्य से जुड़ी सामग्री सुरेश अग्रवाल के फ्लैट पर मिली है। पिछले कुछ दिनों से सुरेश अग्रवाल मानसिक रूप से परेशान बताए जा रहे थे ।उन्होंने अपनी परेशानी के बारे में किसी से कोई चर्चा नहीं की थी। बहुचर्चित सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा मामले में स्वतंत्र याचिकाकर्ता की ओर से उन्होंने पैरवी भी की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को ढकने और उस पर से जाति विशेष का नाम पट्टिका से हटाने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा सुरेश अग्रवालने दो साल पहले सेंट पॉल चर्च के फादर थॉमस थन्नॉट के केस से भी जुड़े रहे थे। उनकी याचिका पर फादर के शव को कई महीनों बाद दोबारा कब्र से पोस्टमार्टम के लिए निकाला गया था। उनकी बहन ने विशप की हत्या की आशंका जताई थी जबकि पुलिस का कहना था कि एक्सीडेंट में 2018 में विशप की मौत हुई थी। इसके अलावा उन्होंने आर्य समाज में बिना माता पिता की अनुमति के होने वाली शादियों को भी चुनौती दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों की वैधानिकता पर सवाल खड़े किए थे और उन पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा माता-पिता की सहमति अनिवार्य की गई थी। पुलिस के मुताबिक सुरेश अग्रवाल रविवार को सुबह 9 बजे अपने घर से निकले थे ।हमेशा की तरह इंदरगंज क्षेत्र में स्थित अपने ऑफिस जाते थे लेकिन वह रविवार को दिनभर गायब रहे। घरवालों और उनके साथी वकीलों को भी इसका पता नहीं चला। इसके बाद घर वालों ने खोजबीन शुरू की। देर शाम उन्हें पता चला कि थाटीपुर के फ्लैट पर सुरेश अग्रवाल मौजूद हैं। इसके बाद जब घर वाले वहां पहुंचे तो सरेश अग्रवाल फांसी पर लटके हुए दिखे। पुलिस ने फिलहाल मर्ग कायम कर लिया है और मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है ।