रतन टाटा के देहांत के बाद ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर टाटा ट्रस्ट की कमान सौतेले भाई नोएल टाटा को मिल गई है। शुक्रवार को मुंबई में हुई मीटिंग में नोएल के नाम पर सहमति बनी।इसके साथ ही उन्हें टाटा ग्रुप के दो सबसे महत्वपूर्ण संस्थान सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया है। पहले वे इन संस्थाओं में ट्रस्टी के तौर पर शामिल थे। टाटा ट्रस्ट को बनाने में रतन नवल टाटा की महत्वपूर्ण भूमिका थी। टाटा समूह की कंपनी टाटा संस में टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी है। टाटा ट्रस्ट के तहत ही टाटा ग्रुप संचालित है।
टाटा ट्रस्ट के 6वें चेयरमैन चुने गए नोएल-
नोएल टाटा ने ससेक्स यूनिवर्सिटी, यूके और इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम से पढ़ाई की है। उन्हें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के 11वें और सर रतन टाटा ट्रस्ट के 6वें चेयरमैन के तौर पर चुना गया।
नोएल को टाटा ट्रस्ट की नई जिम्मेदारी सौंपी गई-
रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। नोएल ट्रस्टी के तौर पर शामिल थे। वहीं, टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं। इतना ही नहीं टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते हैं।
कंपनी का बनाया था राजस्व
टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने 2010-2021 के दौरान कंपनी के राजस्व को 500 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर तीन बिलियन डॉलर तक पहुंचाने में भूमिका निभाई थी। ट्रेंट लिमिटेड का 1998 में एक रिटेल स्टोर था, जो इनके नेतृत्व में 500 से अधिक स्टोर्स में बदल चुका है।
कभी साइरस मिस्री को दे दिया था पद-
नोएल टाटा को पहले भी टाटा संस के चेयरमैन पद के लिए चुना जा चुका है, लेकिन बाद में यह पद साइरस मिस्री को दे दिया गया था। मिस्त्री के इस्तीफे के बाद एन चंद्रशेखरन ने चेयरमैन का पद संभाला।
16 कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड-
टाटा ग्रुप की 16 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड है। इनका मार्केट कैप 33 लाख करोड़ रुपये है। इस हिसाब से देश का सबसे बड़ा कॉरपोरेट ग्रुप है। हालांकि टाटा ग्रुप में 30 कंपनियां हैं। इनकी होल्डिंग टाटा संस है, जो लिस्टेड नहीं है। इसके अलावा एअर इंडिया, टाटा एआईजी, टाटा हाउसिंग, टाटा वन एमजी, टाटा इंटरैक्टिव सिस्टम्स जैसी कंपनियां लिस्स्टेड नहीं है।