नई दिल्ली: देश में अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है कुछ चुनिंदा उद्योग घराने लगातार धन। कुबेर बनते जा रहे हैं। वही एक बड़ा वर्ग अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी मोहताज है और अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ते इस फासले पर। तमाम चर्चाएं होती हैं लेकिन हम आपको आज जो आंकड़े दिखाने वाले हैं। वह इस बात पर मुहर लगाती हैं ये कुछ मुट्ठी भर उद्योगपति। देश की अरबों की संपत्ति के मालिक हैं। उनके पास कितनी अकूत संपत्ति है कि उनकी संपत्ति एक तरफ और देश के बाकी सभी नागरिकों की संपत्ति एक तरफ। साथ में हम आपको यह भी बता। दें के अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ता यह अंत खतरनाक है।
हम यह आंकड़े फोर्ब्स की रिपोर्ट इंडियाज। हंड्रेड रेचेस्ट टू थाउजेंड ट्वेंटी फोर के आधार पर बता रहे है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन।सौ भारतीय धनाढ्यों की सूची बनाई गई है उसमें से 80 पहले से ज्यादा अमीर हो गए हैं। इनमें से 58 लोगों की संपत्ति में $1 अरब मतलब 8397 करोड़ रुपए से ज्यादा का इजाफा हुआ है। देश के सो सबसे अमीर उद्योगपतियों की संपत्ति 10 साल में तीन गुना हो गई है। वर्ष दो हजार चौदह में सौ बड़े उद्योगपतियों की संपत्ति 29.03 लाख करोड़ रुपये थी। जो 2024 में बढ़कर 93.64 करोड़ हो गई है। देश के जिन 100 रईसों की सूची फोर्ब्स ने जारी की है उन सभी की कुल। संपत्ति नब्बे लाख करोड़ को पार कर चुकी है जो अपने आप में एक चौंकाने वाला आंकड़ा है। यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि केवल एक साल में बड़े उद्योगपतियों की संपत्ति में 40% वृद्धि हो गई है 2000। तेईस में सौ उद्योगपतियों की कुल संपत्ति 67.12लाख करोड़ थी।
भारत के उद्योगपतियों की सूची में 10.03 लाख करोड़ की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी पहले पायदान पर हैं। जबकि दूसरे पायदान पर गौतम अडाणी हैं। जिनकी कुल संपत्ति 9.74 लाख करोड़ की है। तीसरे नंबर पर टॉप टेन की एकमात्र महिला उद्योगपति सावित्री जिंदल हैं जिनकी कुल संपत्ति 3.67 करोड़ है वह पहली बार टॉप थ्री।में पहुंची हैं। इसके अलावा शिव नाडार 3.37 दिलीप संघवी 2 0.72 राधा किशन दमानी 20.64 सुनील मित्तल 2 0.58 कुमार मंगलम बिड़ला 20.08 साइरस पूनावाला 2 0.05 और बजाज परिवार 10.96 लाख करोड की संपत्ति के साथ देश के दस रईसों में शुमार हैं।
अब आप को हम बताते हैं रिफोर्ब्स की इस रिपोर्ट इंडियास। हण्ड्रेड रिचेस्ट ट्वेन्टी ट्वेन्टी फोर में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात क्या है। इस साल सो सबसे अमीर भारतीयों की संपत्ति जो बढ़कर 90 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है उसके पीछे का सबसे बड़ा कारण और इन उद्योगपतियों के बिजनेस में मुनाफे का सबसे बड़ा कारण शेयर बाजार में तेजी कर रहा है। मात्र एक साल में सेंसेक्स 30% ऊपर चढ़ा है और एक साल में ही इन उद्योगपतियों की संपत्ति 40% बढ़ी है। शेयर मार्केट में अधिकांशतः मध्यम वर्ग का पैसा ही लगा होता है और इस बात से हम यह समझ सकते हैं के मध्यम वर्ग के पैसों के कारण ही यह सौ उद्योग पति आज और ज्यादा अमीर हो गए हैं। यह आंकड़े चौंकाने वाले तो हैं ही। लेकिन साथ में चिंताजनक भी है क्योंकि एक और इस। देश में करोड़ों नागरिक दो वक्त की रोटी के लिए मुहताज हैं उनके पास सर ढकने के लायक भी संपत्ति नहीं है। तो वहीं दूसरी ओर केवल सौ भारतीयों के पास नब्बेलाख करोड़ की अकूत संपत्ति है। यह आंकड़े भारत में बढ़ रहे अमीरी और गरीबी के बढते फ़ासले को प्रमाणित कर रहे हैं।