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किराए के बैंक खाते बनें ऑनलाइन ठगों के लिए जन्नत, ऐसे कस सकती है ऑनलाइन ठगी पर नकेल!

भोपाल मध्य प्रदेश: जब भी किसी के साथ ऑनलाइन फ्रॉड होता है तो फ्राड के द्वारा धोखाधड़ी से जो रकम किसी पीड़ित के खाते से जाती है वो किसी न किसी बैंक अकाउंट में यूपीआई वॉलेट में ही जाती है। और जब भी पुलिस इन मामलों की जांच करती है और बैंक ट्रांजेक्शन के माध्यम से उस बैंक तक पहुंचती है जिसमें पैसा ठगों द्वारा भेजा गया है। तो ज्यादातर मामलों में यह देखने को मिलता है के ऐसे बैंक खाते गरीब निर्दोषों के होते हैं। यह बात साफ इशारा करती है के देश में बैंक खातों को किराए पर देने का या गरीबों के नाम से बैंक खाते खोलो फ्रौड साइबर ठगों को देने का बड़ा माफिया देश में काम कर रहा है!

अभी हाल ही में मध्यप्रदेश की राज्य साइबर पुलिस ने किराए। की बैंक के खातों में धोखाधड़ी कर ₹10000000 की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्त में लिया है। दोनों आरोपी राजस्थान के टोंक से पकड़े गए आरोपियों के नाम गणपत मीना और राकेश मीना हैं। यह आरोपी बैंक खातों को बेचने का। काम करते हैं। आपको बता दें कि इन आरोपियों के नाम देश के 17 राज्यों में 71 शिकायतें हैं जो ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड से जुड़ी हुई हैं। यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं क्योंकि इतने शिकायतें केवल इन। दो आरोपियों के नाम हैं और ऐसे ही सैकड़ों आरोपी देश में अपना रैकेट चला रहे हैं। 

ग्वालियर टेलीग्राम पर जॉब का टास्क देकर लाखों की ठगी करने वाले छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों ने पिछले दिनों ही बलविंदर सिंह नामक युवक को ऑनलाइन जॉब उपलब्ध कराने के नाम पर 10 लाख रुपए से ठगा था ।पकड़ी गई गैंग में फेडरल बैंक का डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया  भी शामिल है। ठगी गई रकम में से आठ लाख रुपए ग्वालियर के ही एक युवक सोहेल खान के खाते में ट्रांसफर हुए थे। इस मामले में  कुछ युवक फिलहाल फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। इस गैंग ने देश भर के कई लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया है ।पकड़े गए बदमाशों के कब्जे से आठ एटीएम कार्ड दो बैंक की पासबुक दो चेक बुक तीन सिम कार्ड और नौ मोबाइल फोन सहित कार भी बरामद की गई है। पिछले दिनों सिटी सेंटर के रहने वाले बलविंदर सिंह गिल को टेलीग्राम पर ऑनलाइन जॉब का टास्क देकर बदमाश होने उनसे 9लाख45 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी की थी। जांच के दौरान पता चला कि ठगी गई रकम में से 8 लाख रुपए ग्वालियर के मेवाती मोहल्ले में रहने वाले सोहेल खान के खाते में ट्रांसफर हुए हैं। इसके बाद सोहेल खान को पुलिस ने पकड़ लिया। सोहेल की गिरफ्तारी के बाद प्रयल अस्थाना इमरान खान आकाश कोहली वीर सिंह कौरव फेडरल बैंक का डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया को गिरफ्तार किया गया। फेडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर ने बताया कि उसे हर खाता खुलवाने के एवज में दस हजार रुपए मिलते थे। आरोपी इमरान और आकाश ऐसे लोगों को ढूंढते थे जो नौकरी के लिए प्रयास कर रहे होते थे या जिन्हें पैसे की जरूरत होती थी। ऐसे लोगों को वो पैसे देकर इमरान और आकाश प्रयल अस्थाना के पास भेजते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कुछ आरोपी फरार हैं उनकी भी तलाश की जा रही है।

आपको बता दें कि कुछ साल पूर्व भी देश में एक ऐसे ही बड़े रैकेट का खुलासा हुआ था जो नॉर्थ ईस्ट और बंगाल से गरीब लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाकर और उनका एटीएम पासबुक सभी चीजें किराए पर दिल्ली के ठगों को भेजते थे। इसी तरह से यह पकड़े गए थक भी लोगों के बैंक खाते बनाकर उन्हें ठगों को दे दिया करते थे। राकेश पर केवल महाराष्ट्र में सोलह ठगी की शिकायतें दर्ज हैं। इन ठगों के पास से चौवन एटीएम कार्ड तीस चेक बुक दो आधार कार्ड तीन मोबाइल और दस सिम कार्ड पुलिस ने बरामद किए हैं। जिस तरह से अभी हाल ही में ग्वालियर में बैंक कर्मचारियों को भी खाता उपलब्ध कराने के मामले में गिरफ्तार किया गया है वह साफ बताता है की इस तरह किराए से बैंक खाते ठगों को उपलब्ध कराने में कई बैंक कर्मचारी भी शामिल होते हैं। जहाँ एक और एक आम आदमी को बैंक खाता खुलवाने के लिए तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहां ठगों को उपलब्ध कराए जाने वाले किराए की यह खाते इतनी आसानी से बिना बैंक की मिलीभगत के नहीं खोले जा सकते। किराए के खातों से हर साल अरबों रुपए की ठगी हो रही है। इस मामले में सरकार को सख्त कदम उठाते हुए एक स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम बना। राष्ट्रीय स्तर पर नकली खाते उपलब्ध कराने वाली माफिया पर नकील कसनी चाहिए। यदि नकली खाते उपलब्ध कराने का माफिया राज खत्म हो जाएगा तो ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में भी काफी हद तक कमी आएगी।

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