Big News

करोड़ों का गेहूं खराब करने के पीछे शराब फैक्ट्रियों और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का षड्यंत्र!

भोपाल मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने गोदामों में रखा 58 हजार टन गेहूं ज्वार और बाजरा भीग कर सड़कर बर्बाद हो गया और यह कोई पहला मामला नहीं है जब इस तरह की घटना हुई हो और न ही यह ऐसी घटना है जो इस साल पहली बार हुई हो। यह एक सोची समझी प्लान की तरह गेहूं चढ़ाने की साजिश नजर आती है। क्योंकि पहले यह गेहूं लापरवाही से खराब कर दिया जाता है फिर इसकी रिपोर्ट बनाई जाती है। यह खाने योग्य नहीं है। उसके बाद खाद्य विभाग इस सडे। हुए अनाज को बेचने का टेंडर निकालता है और टेंडर के माध्यम से इस सड़े हुए अनाज को लेने के लिए शराब फैक्ट्रियां हमेशा आतुर दिखाई देती हैं। जिस तरीके से हर साल कई बार कई क्षेत्रों में यह घटना होती है वह साफ संदेह पैदा करती है के बेशकीमती अनाज को सड़ाने के पीछे कहीं कोई षड्यंत्र तो नहीं चल रहा। 

यह करोड़ों रुपये का बेसिक कीमती अनाज उस। देश में चढ़ाया जाता है। जहां लाखों लोग भुखमरी।का जीवन जी रहे हैं। और यह अट्ठावन हजार टन अनाज के सड़ने की घटना तो उस मध्यप्रदेश की है जो कुपोषण में नंबर 1 है। कुपोषण में नंबर 1 इसलिए है क्योंकि यहां के कई बच्चे अलग अलग प्रकार के कुपोषण के शिकार हैं। हकीकत तो यह है कि मध्यप्रदेश सिस्टम में लगे कुपोषण में नंबर वन है। सरकार समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदने के बड़े बड़े दावे करके सुर्खियां बटोरती हैं । लेकिन जब सरकार के पास यह खाद्यान्न सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं है तो फिर इसे खरीदकर सरकार जनता के टैक्स के दिए हुए पैसों का दुरुपयोग क्यों करती है। जिस खाद्यान्न को समर्थन मूल्य में खरीदने पर उसके परिवहन और भंडारण पर तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल खर्च होता है।अब उसे टेंडर प्रक्रिया निकाल कर कौड़ियों के भाव शराब फैक्ट्रियों को बेच दिया जाएगा। 

किसान जिस खाद्यान्न को दिन रात मेहनत करके गर्मी सहगल बारिश रहकर सुबह ठंड में पानी देकर उगाता है कि यह अनाज लोगों की भूख मिटाएगा। उस किसान को अन्न दता कहा जाता है। और वह अन्नदाता तो यही सोचता है कि उसका उगाया हुआ यह खाद्यान्न। किसी का पेट भरेगा। उसे भी क्या पता कि यह खाद्यान्न चढ़ाकर उन षडयंत्राओ का पेट भरेगा जो इस कुपोषित सिस्टम का फायदा उठा हर। साल यह खाद्यान्न चढ़ाने का कारनामा करते हैं। आप भी हर साल खबरों में देखते ही होंगे की फलां जगह करोड़ों। का खाद्यान्न सड़ गया, बर्बाद हो गया। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जब भी नहीं अनाज सड़ता है बर्बाद होता है वहाँ किसी को भी दोषी नहीं ठहराया जाता किसी भी गैर जिम्मेदार अधिकारी के विरोध में कोई कार्रवाई नहीं होती। यह संदेह पैदा करता है कि कोई कार्रवाई की दर न होने के चलते शराब फैक्ट्रियों की मिलीभगत से ही यह खाद्यान्न चढ़ाने का कारनामा किया जाता है। 

यह एक और आश्चर्य की बात यह है कि प्रदेश की राजधानी भोपाल। ही खाद्यान्न बर्बाद करने वाले जिलों में अग्रणी है जहां शासन प्रशासन के सभी बड़े अधिकारी बैठते हैं। सरकारी आंकड़ों पर भी नजर डालें तो खाद्य विभाग के आंकड़े ही बताते हैं के 21। से लेकर 24 तक 4 साल में 16.34 लाख टन खाद्यान्न भारतीय खाद्य निगम ने केवल इस वजह से लेने से इनकार कर दिया क्योंकि वह खराब हो चुका था। यहां सवाल यह उठता है कि जब इस खाद्यान के रखरखाव की व्यवस्था ही नहीं है तो इसे क्यों रखा जाता है? इससे बेहतर तो यह खाद्यान्न गरीबों में सीधे निशुल्क बंटवा दिया जाए तो हर एक गरीब परिवार अपने घर में इस खाद्यान्न को किसी कीमती आभूषण की तरह सुरक्षित रखेगा। क्योंकि जिसने भूख का कष्ट सहा है वही इस खाद्यान्न की कीमत को समझ सकता है। 

Gajendra Ingle

Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.

Recent Posts

जबलपुर में पटाखा बाजार में भीषण आग, धमाकों दहल उठा पूरा क्षेत्र

जबलपुर मध्य प्रदेश:  जबलपुर के कठौन्दा मुख्य पटाखा बाजार में रविवार शाम भीषण आग लग गई, आज…

6 hours ago

पुलिस कमिश्नर व्यवस्था फैल, महिला अपराधों की राजधानी बना भोपाल

भोपाल मध्य प्रदेश: प्रदेश की राजधानी भोपालमैन पुलिस कमिश्रेट व्यवस्था महिला अपराधों को रोकने में…

6 hours ago

सैनिकों का सम्मान करने वाली यह खबर जरूर पढ़ें, गणतंत्र दिवस पर इन सैनिकों को किया जाएगा सम्मानित

नई दिल्ली: देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों का सम्मान करने वाले भारत…

1 day ago

चितौरा रोड अब होगी फोरलेन, 127.35 करोड़ की लागत से होगा निर्माण, इन क्षेत्रों को होगा लाभ

ग्वालियर मध्य प्रदेश:  मुरार-चितौरा रोड का 127.35 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्निर्माण किया जाएगा। रोड…

1 day ago

सीबीएसई छात्रों के लिए बड़ी खबर; यदि नहीं माने यह नियम तो दो साल तक परीक्षा से होंगे प्रतिबंधित

नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएँ शीघ्र…

2 days ago

इंदौर में इमरती इफेक्ट, बाबा साहब की मूर्ति लगाकर सरकारी जमीन कब्जाने की कोशिश!

भोपाल इंदौर ग्वालियर मध्य प्रदेश: पूरे प्रदेश में कहीं न कहीं। तमाम हथकंडे अपनाकर सरकारी…

2 days ago