उमरिया मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश शासन मध्याह्न भोजन गुणवत्ता को लेकर तमाम दावे करती है लेकिन ज़मीनी हकीकत पर मध्या भोजन घटिया क्वालिटी तो होता ही साथ ही अब तो उमरिया से एक ऐसा मामला सामने आ रहा है, जिससे साफ नजर आ रहा है कि यह मध्यान भोजन छात्रों के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ करने के लिए दिया जा रहा है। उमरिया में दूषित खाना खाकर करीब 24 बच्चे गंभीर हो गए हैं। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनका इलाज जारी है। बताया गया है कि खाने में छिपकली गिरने के बाद भोजन परोस दिया गया।
उमरिया जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 3 लालपुर स्थित संचालित नेता जी सुभाष चन्द्र बोस बालक छात्रावास में उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब अचानक से स्कूल पहुंचे बच्चे बेहोश होने लगे। अस्पताल पहुंचे बच्चों को भर्ती कर डॉक्टर्स ने इनका इलाज किया, घटना सामने आते ही मीडिया अस्पताल पहुंची तो सामने आया कि छात्रावास का टयूबवेल दिसंबर-जनवरी से ख़राब है और बच्चे टेंकर के पानी का उपयोग करते हैं। इस घटना के बाद इस स्कूल में जो अव्यवस्था सामने आई है वह सरकार के सभी दावों की पोल खोल रही है। इस स्कूल में न तो बच्चों को भोजन देते समय गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है और ना ही पीने का पानी भी पीने योग्य उपलब्ध कराया गया है।
हॉस्टल के छात्र ने बताया कि हम खाना खाकर स्कूल आए, वैसे ही सभी बच्चों का पेट दर्द देने लगा और बेहोश होने लगे, तभी शिक्षकों ने हमे अस्पताल लाकर भर्ती करा दिया, जहां इलाज किया जा रहा है। हॉस्टल के छात्रों ने यह भी बताया कि हॉस्टल का ट्यूबवेल खराब है और नगर पालिका का टैंकर आता है, उससे ही खाना बनता है और हम सब उसी पानी को पीते हैं। सूत्रों की मानें तो सभी बच्चे सुबह स्कूल आए, जैसे ही वह स्कूल आए तो उन्हें बेचैनी होने लगी और पेट में दर्द होने लगा, जिन्हें एंबुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, फिलहाल सभी बीमार छात्रों का इलाज चल रहा है। इसके साथ ही छात्रावास की वार्डन ने बताया कि पिछले साल से पानी की समस्या बनी हुई है, हमें विभाग को कई बार लिखित रूप से दिया है, टैंकर के माध्यम से नगर पालिका का पानी आता है, जिसका उपयोग हम खाना बनाने और बच्चे पीने में करते हैं।