भोपाल मध्य प्रदेश: प्रदेश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने कैबिनेट एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि दो हजार छब्बीस तक प्रदेश में तीन नए संभाग मुख्यालयों पर आर्थिक अपराध शाखा विशेष स्थापना पुलिस लोकायुक्त शुरुआत हो सकती है। इनके शुरू होते ही प्रदेश में इन। दोनों ही विभागों की दस इकाइयां हो जाएँगी। अभी भोपाल इंदौर जबलपुर ग्वालियर उज्जैन रीवा और सागर में इन।विभागों की सात सात इकाइयां स्थापित हैं। इन तीनों सम्भाग मुख्यालयों पर बनाए जाने वाले भवन में आरोपितों को रात में रखकर पूछताछ की व्यवस्था भी रहेगी। यह कार्यालय खुलने का सबसे बड़ा लाभ शिकायतकर्ताओं को मिलेगा। अभी उन्हें सौ से डेढ़ सौ किमी तक चलकर शिकायत या बयान दर्ज कराने के लिए जाना पड़ता है।
आपको बता दें कि आर्थिक अपराध से जुड़े मामले जब शिकायतकर्ता दर्ज कराता है तो उसे खासी परेशानी का। सामना करना पड़ता है क्योंकि यह मामले कई सालों तक चलते हैं और जो शिकायतकर्ता दूसरे क्षेत्रों से होते हैं उन्हें यह परेशानी और बढ़ जाती है। सीधी शहडोल के शिकायतकर्ता को रीवा चक्कर काटने पड़ते हैं तो वहीं नर्मदापुरम वाले को भोपाल आना पड़ता है। मुरैना श्योपुर के शिकायतकर्ताओं को ग्वालियर पर निर्भर रहना पड़ता है। इन नई इकाइयों के खुलने से लोकायुक्त और ईओडब्लू को ट्रेपिंग में आसानी हो जाएगी। इसके साथ ही काम बंटने से शिकायतों की जांच और अभियोजन में तेजी आएगी।
आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले तमाम विभागों में बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार से तंग आकर पीड़ित कई बार शिकायत करते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में वह शिकायत से बचते नजर आते हैं। इसका कारण यही होता है के जांच की और अभियोजन की प्रक्रिया लंबी होती है और यदि यह सबकुछ दूसरे शहर में जाकर करना पड़े तो शिकायतकर्ता को खांसी परेशानी का सामना करना पड़ता है। तीन नयी इकाइयां खुलने से वर्तमान इकाइयों में लंबित प्रकरणों में भी तेजी आएगी। और साथ ही मुरैना नर्मदापुरम और शहडोल।के शिकायतकर्ताओं को अपने ही संभाग मुख्यालय पर यह सुविधा मिलने से वहां पर भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए जा सकेंगे।