राजा भोज एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा सुविधा के लिए भोपाल के हवाई यात्रियों को करीब छह महीने इंतजार करना होगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश के प्रमुख हवाई अड्डों को डिजी यात्रा प्रोजेक्ट में शामिल किया है, इनमें भोपाल भी शामिल है। एयरपोर्ट अथॉरिटी यहां एसे स्कैनर लगाए जाएंगे, जो यात्री को पहचानेंगे। इससे लंबी कतारों में लगकर पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं रहेगी।
पेपरलेस यात्रा को डिजी यात्रा प्रोजेक्ट के नाम से पहचाना जाता है। यह सुविधा शुरू होने पर यात्रियों को दो फायदे होंगे। पहला कतार लगाकर पहचान पत्र की पुष्टि कराने की जरूरत नहीं होगी। दूसरा एयरपोर्ट पर अंतिम समय में पहुंचने पर भी उनकी उड़ान छूट जाने का डर नहीं होगा। यात्रियों का चेहरा ही उनकी पहचान होगा।
यात्रियों को पहली यात्रा के समय डिजी आईडी बनानी होगी। हवाई यात्रा के लिए टिकट बुक करते समय यह आईडी एयरलाइंस कंपनी से साझा करनी होगी। एक बार आईडी प्रमाणित होने के बाद यात्री जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचेंगे, स्कैनर उनका चेहरा पहचान लेगा। यात्रियों को अलग से आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आमतौर पर यात्रियों को गेट पर ही टिकट के साथ आईडी प्रूफ दिखाना
होता है। कई बार एयरपोर्ट पर अधिक भीड़ होने के कारण इस प्रकिया में समय लगता है, जिससे यात्रियों को विमान तक पहुंचने में देरी हो जाती है होता है। अब ऐसा नहीं होगा।
गेट पर लगाए जाएंगे स्कैनर
डिजी यात्रा प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एयरपोर्ट के एंट्री गेट पर ऐसे स्कैनर लगाए जाएंगे, जो यात्री का चेहरा पहचान लेंगे। इसके बाद यह सुविधा लागू हो जाएगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने देश के महानगरीय एयरपोर्ट्स के अलावा ऐसे एयरपोर्ट पर यह सुविधा शुरू करने की स्वीकृति दी है, जहां से यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। इसमें भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट भी शामिल है। डिजी यात्रा पायलट प्रोजेक्ट 2018 में तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा की पहल पर बनाया गया था। कुछ घरेलू एयरपोर्ट्स पर यह सुविधा शुरू हो चुकी हैं। भोपाल में मार्च 2025 तक स्कैनर लगा दिए जाएंगे।