ग्वालियर, मध्य प्रदेश: शहर से बाहर किसी भी तरफ आप हाइवे पर निकल जाए और आपको सड़कों पर बैठा दिखाई देगा। दर्जनों की संख्या में गौवंश और तेज रफ्तार दौडते वाहन से दुर्घटना का शिकार होकर कुछ अनहोनी भी दिखाई देती है और गौवंश सडक पर मृत पडा रहता है। अभी हाल ही में आगरा यात्रा के दौरान सड़क पर कई जगह पर गौवंश। दिखाई दिया और कुछ जगह पर दुर्घटनाएं भी दिखाई दी इन सब दुर्घटनाओं से एन एशियाई के संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया था। अब यह प्रयास रंग लाता दिखाई दे रहा है जब प्रशासन और एनएचएआई ने इस गौवंश को बचाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
जिले में गौ-वंश को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए उनके गले में रेडियम युक्त बेल्ट बांधने का काम किया जा रहा है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य सड़कों से निराश्रित गौ- वंश को गौशालाओं में पहुँचाया जा रहा है। इस कड़ी में शुक्रवार को घाटीगांव क्षेत्र में सड़क पर आश्रय लेने वाली गायों के गले में रेडियम युक्त बेल्ट पहनाकर उन्हें नजदीकी गौशाला भेजा गया। ज्ञात हो रेडियमयुक्त बेल्ट रात में चमकता है और वाहन चालकों को दूर से ही पता चल जाता है कि सड़क पर कोई मवेशी बैठा है। अब प्रशासन तो रेडियम युक्त बेल्ट बांधकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है लेकिन कुछ जिम्मेदारी वाहन चालकों की भी बनती है कि वह थोड़ी सी। सावधानी वाहन चलाते वक्त बढ़ते ताकि कोई गौवंश उनकी वाहन से दुर्घटना का शिकार न हो।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बीते रोज संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य सड़कों से निराश्रित पशुओं को गौशाला भेजने के लिये अगले 15 दिनों तक विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने सड़कों पर पशुओं की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिये निराश्रित पशुओं के गले में अभियान बतौर रेडियमयुक्त बैल्ट पहनाने के निर्देश भी बैठक में दिए थे। इसी परिपालन में घाटीगांव में शुक्रवार को अभियान चलाया गया। यह पहल स्वागत योग्य है लेकिन यहां यह भी सवाल खडा होता है के 15 दिन तक अभियान के दौरान तो गौवंश को सुरक्षित किया जाएगा। उसके बाद पूरे साल क्या ऐसी कोई स्थाई व्यवस्था का प्रयास भी एनएचएआई और प्रशासन करेगा ही आगे यह गोवंश।किसी सड़क दुर्घटना का शिकार न हो?