मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए बढ़ाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार अब किसानों को मोटे अनाज पर 10 रुपए प्रति किलो की प्रोत्साहन राशि देगी। इससे किसानों को मोटे अनाज की खेती करने के लिए बढ़ावा और राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ेगा। यह किसानों के लिए खुशखबरी है।
मोटे अनाज की खेती कुल साढ़े तीन प्रतिशत हिस्से में होगी
मध्य प्रदेश में अभी मोटे अनाज की खेती कुल खाद्यान्न उत्पादन क्षेत्र के सिर्फ साढ़े तीन प्रतिशत हिस्से में ही होती है। राज्य में 06 लाख 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मोटा अनाज उगाया जा रहा है। 2021-22 में 05 लाख 55 हजार हेक्टेयर में मोटा अनाज उपजा था।
पांचवें स्थान पर है एमपी
मोटे अनाज के उत्पादन में मध्य प्रदेश देश में पांचवें स्थान पर है। साल 2023-24 में प्रदेश में 12.68 लाख टन मोटे अनाजों का उत्पादन हुआ है। जबकि 2019-20 में इसकी पैदावार 8.96 लाख टन हुई थी। प्रदेश में सबसे ज्यादा लगभग 60 प्रतिशत फसल बाजरा की होती है। मंडला, डिंडोरी, बालाघाट समेत अन्य जिलों में मोटे अनाज की खेती ज्यादा होती है।
स्वास्थ्य के लिए है मददगार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए बहुत मददगार और फायदेमंद होते हैं। हमारे किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हमने यह निर्णय लिया है। वहीं, सरकार के इस फैसले का किसान संगठनों ने स्वागत किया है। किसान नेताओं का कहना है कि इससे किसानों को मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
बोनस से अधिक से ज्यादा किसान करेंगे खेती
सरकार के इस फैसले से उम्मीद है कि अब ज्यादा से ज्यादा किसान मोटे अनाज की खेती करने के लिए आगे आएंगे। इससे ना सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन भी बढ़ेगा।