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तुम मरो अंधेरी गलियों में, बांग्लादेशियों के स्वागत में स्टेडियम रोड पर लगेंगी करोड़ों की स्ट्रीट लाइट!

ग्वालियर मध्य प्रदेश: आगामी 6 अक्टूबर को ग्वालियर में प्रस्तावित भारत बांग्लादेश के टी20 क्रिकेट मैच के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्रशासन ने अपने स्तर पर हर वह काम शुरू कर दिया है जो इस स्टेडियम में आने वाले खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए जरूरी हो। क्रिकेट का मतलब है ग्लैमर चमक चकाचौंध अब चकाचौंध और चमक।तो आएगी लाइटों से। लाइट स्टेडियम में ही नहीं स्टेडियम की ओर जा रही सडकों पर भी होना है। तो अब तक जिस स्मार्ट सिटी ने आपके अंधियारी गलियों की चिंता नहीं की वह अब स्टेडियम जाने वाली सड़क को दूधिया रोशनी से चमका देगी। अब आगे पूरी खबर को पढ़कर आप कह सकते हैं वाह रे स्मार्ट सिटी तेरे हैं गजब खेल!

ग्वालियर के शंकरपुर क्षेत्र में स्थित श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम अभी नवनिर्मित है और इसमें पहला क्रिकेट मैच बांग्लादेश के विरुद्ध होने जा रहा है। इस स्टेडियम तक पहुंच मार्ग की सड़कें अभी स्ट्रीट लाइट विहीन हैं जिसके लिए स्मार्ट सिटी एक्स्ट्रीम हाई लेवल एक्शन मोड में नजर आ रहा है। काम इतनी तेज गति से हो रहा है कि मैच की घोषणा होने के कुछ दिनों के अंदर ही टेंडर प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया गया और कार्य आदेश भी जारी कर दिया गया है। शंकरपुर में नवनिर्मित स्टेडियम तक पहुंचने वाली 15 किलोमीटर की सड़कों को रोशन किए जाने की पूरी तैयारी स्मार्ट। सिटी ने कर ली है ऐसी भी तमाम सड़कें यहां हैं जहां पर अभी तक स्ट्रीट पोल भी नहीं लगे हैं। लेकिन जल्द ही सबसे पहले यहाँ बिजली। के खंभे लगाए जाएंगे को खंभे लगने के बाद। जल्द ही स्ट्रीट लाइट लगाकर इन पूरी सडकों को बांग्लादेश की टीम के साथ होने वाले मैच के स्वागत के लिए तैयार कर लिया जाएगा। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने शहर से शंकरपुर स्टेडियम पहुंच मार्ग। की कुछ सड़कों का स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए चयन किया है। इसमें जलालपुर से लेकर सागर ताल तक की दो। किलोमीटर की सड़क मोती झील से लेकर नए स्टेडियम तक 4 km की सड़क शताब्दीपुरम से भदरौली तक दो किलोमीटर की सड़क ओडीडी नगर गेट से पुरानी रेलवे लाइन तक दो किलोमीटर की सड़क शामिल हैं। इस कार्य में स्मार्ट सिटी 8 करोड 44 लाख रुपये की लागत से 15 km की सडकें। रोशन करेगा और इसके लिए इन सड़कों पर 700से अधिक खंभे भी लगाए जाने हैं। शंकरपुर स्थित क्रिकेट स्टेडियम के पहुंच मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगाने का ठेका इनफील्ड इंजीनियरिंग कंपनी को सौंपा जा चुका है।

चलिए बांग्लादेश हो रहे इस क्रिकेट मैच के बहाने ही सही कम से कम जिन 15 km सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगेंगी उस क्षेत्र के रहने वाले नागरिकों को भी आगे वाले समय तक इनका। लाभ मिलेगा। ऐसी उम्मीद तो की जा सकती है लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि शहर के दूसरे क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों ऐसा क्या अपराध है कि वह अंधेरी गलियों से गुजरने को मजबूर हैं। और न केवल गुजरने को मजबूर हैं बल्कि मरने।को भी मजबूर हैं। बहोडापुर क्षेत्र के आनंद नगर रोड पर रात को अंधेरी सड़क की वजह से सीवर के लिए खोदे गए गड्ढे न देख पाने के कारण हुई बाइक सवार की मौत को अभी कुछ ही दिन हुए हैं। यहां एक तरफ लापरवाह नगर निगम था। जिसने सीवर का गड्ढा खोदकर बैरिकेटिंग नहीं की थी। तो दूसरी ओर वह लापरवाह स्मार्ट सिटी थी जिसने खंभे तो लगे हुए थे लेकिन उन पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई थी। 

जब जनता द्वारा चुनी गई एक पार्षद अपर्णा पाटिल को स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के कार्यालय में बैठकर धरना देना पड़ता है और उस धरने की वजह यह होती है कि यह जन प्रतिनिधि केवल यह चाह रही थी। इनके क्षेत्र के नागरिकों को भी स्ट्रीट लाइट की सुविधा मिले। इनके क्षेत्र के नागरिक। अंधेरे गलियारों से गुजरने को मजबूर थे जो किसी दुर्घटना का कारण बन सकती थी। तमाम तमाम निवेदन मिन्नतों शिकायतों के बाद भी जब इनके क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट नहीं लग रही थी तो इन्हें स्मार्ट सिटी कार्यालय में धरने पर बैठना पड़ा। तो एक और तो स्मार्ट सिटी कंपनी की यह हालत है कि आम नागरिकों को जहां ज्यादा जरूरत है वहां स्ट्रीट लाइट नहीं लगा पा रही है तो दूसरी और एक ग्रैंड इवेंट प्रस्तावित होते ही अचानक से इतना एक्स्ट्रीम एक्शन मोड में दिखाई दे रही है कि मानो स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन निजी कंपनी केवल इसी काम के लिए बनाई गई हो और इसका जनसुविधा से शायद कोई सरोकार ही न हो?

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