भोपाल मध्य प्रदेश; स्मार्ट सिटी भोपाल में काम कर रहा नगर निगम का रिटायर्ड इंजीनियर किस हद तक भ्रष्टाचार में लिप्त था यह खुलासा उस समय हुआ जब शुक्रवार को सुबह ही लोकायुक्त की 3 उसके घर पहुंच गई और कार्यवाही में खुलासा हुआ कि इस भ्रष्ट इंजीनियर ने अपनी आय से तीन सौ गुना अधिक संपत्ति एकत्रित कर रखी थी। हालांकि लोकायुक्त पुलिस ने बीस दिन की जांच के बाद इस भ्रष्ट इंजीनियर पर कार्रवाई की है फिर भी जितनी अकूत संपत्ति इसके यहाँ मिली यह अंदाजा तो लोकायुक्त।टीम को भी नहीं था।
प्रदीप जैन जो नगर निगम से सेवानिवृत्त होने के बाद संविदा पर जुगाड़ लगाकर स्मार्ट सिटी में सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर के पद पर पदस्थ था वह तमाम रास्ते अपनाकर अकूत संपत्ति इकट्ठी कर रहा था। शुक्रवार को सुबह लोकायुक्त पुलिस की टीम भ्रष्ट प्रदीप जैन। के एयरपोर्ट रोड स्थित लॉर्ड्स कॉलोनी कि भव्य कोठी में पहुंची। साथ ही एक टीम ने स्मार्ट सिटी ऑफिस में इस वर्ष इंजीनियर के ऑफिस में भी छापेमार कार्रवाई की। इस कार्रवाई से स्मार्ट सिटी ऑफिस में हड़कंप मच गया।
मकान में तलाशी के दौरान लोकल टीम को 5 करोड से अधिक की अचल संपत्ति की जानकारी मिली। साथ ही मकान में पच्चासी लाख रुपए की ज्वेलरी भी प्राप्त हुई। इस भ्रष्ट इंजीनियर के कुछ लॉकर्स की जानकारी और कुछ विदेश यात्राओं की जानकारी भी लोकायुक्त को मिली जिसके बारे में बाद में अलग से मूल्यांकन किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार भ्रष्ट इंजीनियर प्रदीप जैन ने पूरे जीवन में मात्र ₹75 लाख के रूप में अर्जित किए लेकिन इसके बाद भी उसके पास करोड़ों की संपत्ति इकट्ठा हो गई जो। साफ दर्शाती है कि इस इंजीनियर ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी में जमकर भ्रष्टाचार किया और काली कमाई इकट्ठा की।
स्मार्ट सिटी में पदस्थ यह भ्रष्ट इंजीनियर भोपाल शहर को तो स्मार्ट नहीं बना सका। लेकिन खुद अपनी स्मार्टनेस के चलते करोड़ों।रुपए की काली कमाई कर ली। आज भोपाल के निवासी यह सोचने पर मजबूर होंगे भोपाल स्मार्ट सिटी क्यों नहीं बनी और भोपाल? की सड़कों पर गड्ढे क्यों हैं। शहर की तमाम विकास योजनाओं को यह भ्रष्ट इंजीनियर दीमक। की तरह उतर रहा था यही कारण रहा कि इसने अपने आय से कई गुना अधिक संपत्ति इकट्ठा कर ली। और अपनी काली कमाई के लिए भोपाल शहर के विकास को भी ताक पर रख दिया।