दिल्ली के राजिंदर नगर स्थित राउज आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भर जाने से यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद एमसीडी ने करीब 20 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया है, एम्सिटी द्वारा सील की गई कोचिंग में विकास दिव्यकीर्ति का दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर भी शामिल है। विकास दिव्यकीर्ति के दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर ने सील किए जाने के बाद आज 30 जुलाई 2024 को एक प्रेस रिलीज जारी की है. इसमें उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कई बातें सामने रखी हैं.
IAS कोचिंग सेंटर सील होने के बाद विकास दिव्यकीर्ति ने क्या कहा जाने।
हमें हादसे पर खेद है। हमे अपना पक्ष रखने में देरी हुई। उन्होंने आगे कहा कि हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ भी कहा जाए। इस देरी के लिये हम माफी चाहते हैं। Drishti IAS की तरफ से कहा गया कि शनिवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना, जिसमें 3 विद्यार्थियों श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन की असमय व दर्दनाक मृत्यु हुई। इस हादसे पर हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। कोचिंग संस्थान ने लिखा कि हम तीनों बच्चों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवारजनों को यह अपूरणीय क्षति झेलने का हौसला प्रदान करें। दृष्टि कोचिंग संस्थान ने अपने चौथे प्वाइंट में लिखा कि इन बच्चों के परिवारों से हमारा सीधे तौर पर कोई परिचय नहीं है। परंतु दुख की इस घड़ी में हम पूरी तरह उनके साथ खड़े हैंयदि हम किसी भी तरह उनके लिये कुछ भी मदद कर सकेंगे तो यह हमारे लिए आभार होगा। कोचिंग संस्थान ने पांचवें बिंदु नंबर पर लिखा कि इस दुर्घटना को लेकर विद्यार्थियों में जो गुस्सा दिखाई दे रहा है। वह पूरी तरह सही है है। बहुत अच्छा होगा यदि इस क्रोध को कोई सटीक दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिये निश्चित दिशानिर्देश लागू करे। इस संबंध में हम सरकार के साथ पूरी तरह सक्रिय सहयोग करने को तैयार हैं। कोचिंग संस्थानों के नियमों को लेकर इस आईएस अकेडमी ने लिखा कि कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं। उन्होंने आगे कहा कि इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। डीडीए, एमसीडी तथा दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है। नियमों की अनदेखी को लेकर कहा कि ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’, ‘नैश्नल बिल्डिंग कोड’, ‘दिल्ली फायर रूल्स’ और ‘यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़’ के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है। ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’ को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिये स्पष्ट प्रावधान नहीं दिये गए हैं। संस्थान ने अपने इस पत्र के माध्यम से कहा है कि आशा है केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तो उसमें ऊपर लिखे अधिकांश बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा। दृष्टि आईएस ने अपने संस्थान की सुरक्षा को लेकर लिखा कि हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि टीम दृष्टि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती है। वर्तमान में हमारी मैनेजमेंट में ‘फायर एन्ड सेफ्टी ऑफिसर’ का विशेष पद है जिस पर कार्यरत अधिकारी नैशनल फायर सर्विस कॉलेज (नागपुर) से पढ़े हुए हैं और बड़े अस्पतालों और मॉल्स में 14 वर्षों तक यही कार्य कर चुके हैं। संस्थान ने आगे लिखा कि वे प्रत्येक भवन का नियमित रूप से सेफ्टी ऑडिट करते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक भवन के लिये एक-एक अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वह रोज सुरक्षा के 16 बिंदुओं को चेक करे और इसकी सूचना ‘बिल्डिंग मेंटेनेंस ग्रुप’ पर अपडेट करे। हमारे क्लासरूम जिन भी भवनों में हैं, उनमें आने-जाने के लिये कम से कम दो रास्ते हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चे सुरक्षित निकल सकें। कोचिंग संस्थान ने दिल्ली नगर निगम द्वारा पिछले कुछ दिनों में की गई व्यापक कार्रवाई को स्वागत योग्य बताया है। ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद दृष्टि आईएस ने समस्या का समाधान देते हुए कहा कि इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिये नियत करे। अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की कोई समस्या आयेगी। संस्थान ने आगे कहा कि हम इस विषय सं संबंधित और चीजों को स्पष्ट करने के लिये जल्दी ही एक विस्तृत विश्लेषण लेख या वीडियो के माध्यम से जारी करेंगे। ताकि सभी विद्यार्थियों व अन्य को भी सभी पक्षों का अनुमान हो सके। हमें विश्वास है कि जब सारे पक्ष सामने होंगे, तब समाधान की सही राह भी निकल सकेगी। अंत में कोचिंग संस्थान ने कहा कि एक बार फिर, यदि जाने-अनजाने में हमारी टीम से कोई चूक हुई है तो हम एक बार फिर उसके लिए माफी चाहते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर और ज़्यादा सतर्क रहेंगे।
इस पूरे पत्थर के लंबे जुड़े विश्लेषण से आप समझ सकते हैं कि किस तरीके से गोलमोल करके विकास दिव्य कीर्ति ने अपनी खुद की गलतियों को छुपा लिया हालांकि उन्होंने जिस तरह की विसंगतियां विभिन्न निर्माण एजेंसियों के नियमों में बताई है वह भी हकीकत है लेकिन उस हकीकत को देखते हुए यह नहीं झुठलाया।जा सकता की विकास देविकेट थी कि दृष्टि आईएस।का कोचिंग भी पेसमेंट में संचालित था। अपनी साफगोई और न्यायप्रियता के लिए जाने जाने वाले विकास की कृति का यह गोल बोल जवाब हैरान करने वाला है।