मध्य प्रदेश के निर्माण विभागों में रिश्वत का गाना किस तरह हावी है इसकी बानगी यह खबर है जिसमें रिश्वत की राशि शायद आपको चौंका सकती है। पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर ने निर्माण कार्य का एक्सटेंशन करने के लिए रिश्वत के रूप में बीस लाख रुपये की मांग की। और जनाब दस लाख रुपए नगद गिनते हुए लोकायुक्त के हत्थे चढ़ गए। इतनी बड़ी रकम रिश्वत में लेते हुए पकड़े जाने का मामला आपने यदा कदा ही सुना होगा। लेकिन रिश्वतखोरी की इस घटना ने इस बात को प्रमाणित कर दिया है कि मध्य प्रदेश के निर्माण विभागों में रिश्वत का खेल जबरदस्त तरीके से चल रहा है।
हालिया मामला मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम संभाग के लोक निर्माण विभाग का है और इस लोक निर्माण विभाग में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं आरसी तिरोले साहब। रिश्वत लिए बिना शायद कोई काम करते ही नहीं होंगे। लेकिन इस बार उन्होंने ठेकेदार से रिश्वत। के रूप में इतनी बड़ी रकम मांग ली कि ठेकेदार ने भी इन साहब को रंगे हाथों लोकायुक्त से पकड़वाने की व्यवस्था कर ली।
लोकायुक्त पुलिस भोपाल के अनुसार आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त से शिकायत की गई कि उनके फर्म द्वारा मुलताई एवं भैंसदेही में आठ सड़कों का निर्माण कराया था।
इसमें शेष कार्य के एक्सटेंशन के लिए प्रकरण एसई नर्मदापुरम डिविजन पीडब्ल्यूडी आर सी तिरोल के पास लंबित था। इसके निराकरण के लिए तिरौल द्वारा 20 लाख रुपए की रिश्वत राशि की मांग की गयी थी। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय भोपाल द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया और आज तिरोले अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग नर्मदापुरम डिविजन को आवेदक से रिश्वत की पहली किश्त 10 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
शिकायत की सच्चाई जानने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 10 लाख पर अपनी विशेष स्याही लगा। दी थी और जब इस भ्रष्ट इंजीनियर तिरोले ने ठेकेदार को रिश्वत की रकम लेने के लिए अपने सिविल लाइन स्थित सरकारी आवाज़ पर बुलाया तो वहां पर लोकायुक्त ईटी पहले से तैनात थी। और रकम इंजीनियर के हाथ में पहुंचते ही लोकायुक्त ने इस भ्रष्ट इंजीनियर को नंगे हाथों धर दबोचा। लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए तिरोल अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग नर्मदा पुरम डिवीजन को करीब 10 लख रुपए की रिश्वत लेते-रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। फिलहाल टीम डीएसपी अनिल बाजपेई के नेतृत्व में आगे की कार्रवाई कर रही है। लोकायुक्त की टीम में डीएसपी संजय शुक्ला, निरीक्षक नीलम पटवा निरीक्षक उमा कुशवाहा, प्रधान आरक्षक बृज बिहारी पांडे आरक्षक राजेंद्र पवन आरक्षक मनमोहन साहू शामिल है।