यूनियन बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में मध्य प्रदेश को कुछ सौगातें मिली हैं। प्रदेश के छह बड़े शहरों में रिंग रोड का निर्माण कराया जाएगा। भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा जैसे प्रमुख शहरों में रिंग रोड का निर्माण होना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।
केंद्र सरकार ने अपने बजट में सीआरआईएफ फंड में 3000 करोड़ रुपए का प्रावधान ।
केंद्र सरकार ने अपने बजट में सीआरआईएफ फंड में 3000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसमें से चालू वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश को 250 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा, एनएच के लिए 7000 करोड़ में से 2500 करोड़ रुपए, मेंटेनेंस पर 50 करोड़ रुपए और एनएचडीपी पर 90 करोड़ रुपए मिलेंगे।
इन शहरों में चल रही है रिंग रोड बनाने की योजना
, मध्यप्रदेश में कुल 14 रिंग रोड बनाने की योजना है, जिन पर तेजी से काम चल रहा है। इनमें इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा, उज्जैन, सतना, कटनी, नरसिंहपुर, हरदा, सीहोर, विदिशा, गंजबासौदा और आगर-मालवा शहर शामिल हैं। राजधानी भोपाल में पश्चिमी बायपास के बनने के बाद यह आउटर एरिया रिंग रोड की तरह काम करेगा।
वहीं, सागर के लिए 756 करोड़ रुपए और रीवा रिंग रोड के लिए 380 करोड़ रुपए पहले ही मंजूर हो चुके हैं। अब इन पर काम तेजी से शुरू होगा। बाकी पर मध्य प्रदेश की सरकार अपने बजट से खर्च करेगी
10,500 करोड़ रुपए इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के लिए मिलेगा।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कुल 10,500 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसमें से 9,750 करोड़ रुपए केवल राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए रखे गए हैं। अगले पांच सालों में मध्यप्रदेश को केंद्र सरकार से 29,710 करोड़ रुपए मिलेंगे, जिससे राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाया जा सकेगा।