मध्य प्रदेश के गुना जिले में वंदना कान्वेंट स्कूल की प्रिन्सिपल सिस्टर कैथरीन ने स्कूल असेंबली में एक विद्यार्थी को संस्कृत के श्लोक पढ़ने से रोक दिया और उसे डांट लगाई। इस घटना के विरोध ABVP द्वारा स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन किया गया और ABVP कार्यकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने वंदना कान्वेंट स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर कैथरीन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इस घटना ने मध्य प्रदेश की मनमोहन सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है कि क्या उनकी सरकार के रहते हुए भी संस्कृत का श्लोक बोलना एक क्रिश्चियन स्कूल में इतना बड़ा गुनाह हो गया कि उसके लिए बच्चे को टाटा तक गया और स्लोक बोलने से रोका गया।
मामला कुछ दिन पुराना। 15 जुलाई को वंदना कॉन्वेंट स्कूल का है। मॉर्निंग प्रेयर के दौरान असेंबली में छठवीं क्लास के तीन छात्र संस्कृत का श्लोक पढ़ रहे थे। इसी दौरान मौजूद टीचर ने उससे माइक छीन लिया। डांट लगाते हुए कहा, ‘श्लोक यहां नहीं पढ़ा जाएगा। कोई भी छात्र हिंदी में नहीं बोलेगा। यहां केवल अंग्रेजी बोली जाएगी।’ यह कहकर उसे हटा दिया गया। शनिवार को एक छात्र ने बातों ही बातों में अपने पिता को ये बात बता दी। इसके बाद मामला सामने आया। छात्र के पिता ने हिंदू संगठनों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं को बता दिया। जिला शिक्षा अधिकारी से भी शिकायत कर दी।
रविवार को जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसौदिया ने स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस दिया। जवाब ने स्कूल मैनेजमेंट ने शाम 6 बजे तक सफाई पेश की। कहा- ‘सुबह असेंबली के दौरान सिलेक्टेड छात्रों की स्पीच का क्रम हिन्दी व इंग्लिश में दिया जाता रहा है। उस दिन में अंग्रेजी में स्पीच देना तय था, लेकिन छात्र ने स्पीच हिन्दी में शुरू की। टीचर ने हिंदी में बोलने के लिए कहा। प्रार्थना सभा में रोजाना विभिन्न धर्म ग्रन्थों से लिए उद्धरण बोले जाते हैं।’
वंदना कॉन्वेंट स्कूल में छात्रों को संस्कृत स्कूल लोक बोले जाने से रोकने की घटना जब शहर में वायरल हुई तो एबीवीपी के कार्यकर्ता इस।का विरोध करने सोमवार सुबह करीब 11 बजे एबीवीपी के कार्यकर्ता इकट्ठा होकर स्कूल पहुंच गए। सूचना पर पुलिस बल भी मौके पर हपुंच गए। कार्यकर्ताओं ने पहले स्कूल का गेट खोलने की कोशिश की। जब गेट नहीं खुला, तो उसके ऊपर चढ़कर अंदर चले गए। यहां रिसेप्शन पर पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता स्कूल प्रिंसिपल को बुलाने पर अड़ रहे। कुछ देर बाद प्रिंसिपल सिस्टर कैथरीन ने माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘उस दिन अंग्रेजी में बोलने का दिन था, इसलिए छात्र को रोका गया था। अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो, तो माफी मांगती हूं। मैं सभी धर्मों का आदर करती है।
हालफिलहाल तो मामले को बिगड़ता देख प्रिंसिपल सिस्टर। कैथरीन ने माफी मांग ली है लेकिन यह पहला मामला नहीं है जब मध्य प्रदेश के किसी क्रिश्चियन स्कूल में इस तरह की घटना नहीं हो और गुना का वंदना कॉन्वेंट स्कूल तो इस तरह की सख्ती के लिए पहले भी कई बार चर्चाओं में रहा है। यहां पर भी तिलक लगाने से लेकर हिंदी बोलने पर कई छात्रों को टोका जाता है। अब देखना होगा कि क्या प्रदेश की मोहन सरकार इस मामले को गंभीरता से लेती है और ऐसा कोई सख्त आदेश पारित करती है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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