उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक साथ मिलकर उपचुनाव लड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस समाजवादी पार्टी से चार सीटें मांग रही है। जो सींटे कांग्रेस मांग रही है उनमें मझवां, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी सीट शामिल हैं। बताया जा रहा है कि जल्द समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बैठक होगी, उसी बैठक के बाद तय हो जाएगा कि समाजवादी और कांग्रेस किन-किन सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी ।
बता दे कि अखिलेश यादव से जब पूछा गया कि
उपचुनाव में कांग्रेस को कितनी सीटें देंगे, उनका जवाब था कि इन सीटों से सरकार तो बनने नहीं जा रही हैं। उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी जितनी सीटें मांगेउतनी दे दी जाएंगी।
बता दें कि यूपी उत्तर प्रदेश की जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं उनमें से ज्यादातर सीटें विधायकों के सांसद बनने की वजह से खाली हुई है।वहीं, भरतीय जनता पार्टी के सामने यहां बेहतर प्रदर्शन कर संगठन को लोकसभा इलेक्शन में हुए नुकसान की हताशा से उबारने की बड़ी चुनौती है। हालांकि, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी भारतीय जनता पार्टी को उपचुनाव में कड़ी टक्कर देनें की तैयारी में जुटे हुए हैं।
विधानसभा की किन-किन सीटों पर हो सकता है उपचुनाव
बता दे कि जिन-जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें यूपी की फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी और कुंदरकी के विधायक इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए। यह 9 सीटें इस तरह खाली हुईं और दसवीं सीट सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी की आपराधिक मुकदमे में सदस्यता रद्द होने की वजह से खाली है। इन सीटों पर उपचुनाव का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन इनके लिए तैयारी मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी शुरू कर दी है।