एक ऐसी रील वायरल होते होते कलेक्टर कार्यालय तक जा पहुंची। जिस की शूटिंग भी कलेक्टर कार्यालय के बाहर ही हुई थी और इस कलेक्टर कार्यालय के बाहर शूट की गई रील को कुछ युवकों ने इतनी गंभीरता से किया कि वे इसकी शिकायत करने पहुंच गए और शिकायत को भी गंभीरता से लेते हुए। प्रशासन ने भी एक ऐसा आदेश जारी कर दिया जिसको लेकर अब सभी हैरान हैं। है और इस आदेश में साफ साफ कहा गया है की सार्वजनिक जगहों पर रील बनाने के लिए आपको प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। करो और अनुमति लेने के बाद ही आप रील बना सकते हैं। यदि आप बिना अनुमति के रील बनाते पकड़े जाते हैं तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है।
दरअसल एक युवती ने टिप टिप बरसा पानी पर कलेक्टर कार्यालय के प्रवेश द्वार के बाहर एक रिल की शूटिंग की थी और उसे अपने सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इस रेल में बैकग्राउंड में कलेक्टर कार्यालय साफ दिखाई दे रहा है। बस इसी स्थान पर रील की शूटिंग पर आपत्ति जताते हुए प्रशासन से इस रील की शिकायत की गई थी। उस समय शायद शिकायत करने वाले को भी न पता हो के प्रशासन एक रील के मामले को इतनी गंभीरता से लेगा लेकिन प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कलेक्टर। रुचिका चौहान ने एक आदेश जारी कर दिया और उस आदेश की इबारत कुछ इस प्रकार है
ऐतिहासिक एवं सार्वजनिक भवनों पर वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी व रील शूटिंग पर लगा प्रतिबंध
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता – 2023 की धारा-163 के तहत ग्वालियर जिले में पहला प्रतिबंधात्मक आदेश जारी हुआ है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने धारा-163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर ऐतिहासिक इमारतों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, न्यायालयों, शासकीय कार्यालयों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों व पार्कों में बगैर अनुमति के वीडियोग्राफी, रील शूटिंग एवं फोटोग्राफी इत्यादि पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। परिवार के साथ या व्यक्तिगत रूप से शालीनतापूर्वक फोटो व वीडियो लेने पर यह आदेश प्रभावशील नहीं होगा। लेकिन दीवार व ऐसे अन्य स्थान पर खड़े होकर फोटो व सेल्फी इत्यादि लेते की मनाही रहेगी, जहां पर खुद को या किसी दूसरे की सुरक्षा को खतरा पैदा होता हो।
आदेश के उल्लंघन की दशा में संबंधित के खिलाफ भारतीय न्याय संस्था 2023 की धारा-223 एवं अन्य सायबर विधियों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी।
ज्ञात हो पहले भारतीय दण्ड विधान की धारा-144 के तहत इस तरह के प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जाते थे। हाल ही में देश में तीन नए कानून लागू हुए हैं, जिसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता भी शामिल है।
प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रतिबंधित स्थलों पर यदि कोई व्यक्ति या संस्था व संगठन वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी व शूटिंग करना चाहता है तो उसे पूर्व में लिखित अनुमति लेनी होगी। अनुमति प्राप्त करने के लिये शूटिंग/वीडियोग्राफी का उद्देश्य तथा उसके कंटेंट सहित लिखित आवेदन पत्र संबंधित विभाग को देना होगा। विभाग द्वारा दी गई अनुमति की लिखित सूचना पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित एसडीएम को तीन दिन पूर्व अनिवार्यत: देनी होगी।
यह है वह युवती की रील जिस पर यह आदेश जारी हुआ है
इस आदेश के बाद शहर के लोगों को भी यह यकीन नहीं हो रहा है कि सार्वजनिक जगहों पार्क धार्मिक स्थलों या ऐतिहासिक स्थलों पर हब न केवल रील बनाना बल्कि फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करना भी एक अपराध माना जाएगा। क्योंकि जब भी आम लोग कहीं न कहीं आउटिंग पर चाहते हैं तो? आज कल एक सामान्य चलन है कि वह वहां की यादों को भी वीडियो और फोटो के रूप में सहेज कर रख लेते हैं। अब से यह आदेश किसी भी तरीके से लोगों के गले नहीं उतर रहा है क्योंकि आप कहीं घूमने जाएं और वहां की यादों को न सहेजे यह कैसे संभव है।
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