वाह रे देश का सिस्टम.. तेरी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। यहां एक गरीब यदि छोटी सी कोई गलती भी कर दे तो उसको उसकी इतनी सजा मिलती है कि वह महीनों जेल में पड़ा रहता है। उसके पास न तो कोई जमानतदार होता न ही अपना वकील करने के लिए पैसे और हमारे देश का सिस्टम उसको कितनी यातनाएं देता है, जैसे उसने ही दुनिया का सबसे बड़ा पाप कर दिया हो। और दूसरी ओर होते हैं हमारे यहाँ इन्हीं गरीबों का खून चूस कर अरबपति बने ये फर्जी पाखंडी बाबा जो राजनीतिक रसूख की आड में इतने दबंग हो जाते हैं है कि देश के कानून से चाहे जिस तरह से खिलवाड़ कर सकते हैं।
हाथरस हत्याकाण्ड में एक सौ इक्कीस लोगों की मौत हो जाने के बाद यहां पर सत्संग करा रहा फर्जी नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल जाटव तुरंत भूमिगत हो जाता है और सबसे बड़े गौर की बात तो यह है की खुद को परमात्मा कहने वाला बाबा वहां पर अपने भक्तों की मदद के लिए न रुककर खुद की बचाने की सेटिंग में जुट जाता है। एक इतना प्रख्यात बाबा इतने दिनों तक भूमिगत रहता है और हमारा सिस्टम उसे खोज भी नहीं पाता और वह बाबा खुद ही वीडियो जारी करके अपना मन मुताबिक संदेश देता है। इसके पीछे भी सिस्टम के उन कारिंदों के कारनामों की बू आती है जो कहीं न कहीं इस बाबा के कारनामों में लिप्त हैं। कई दिनों तक भूमिगत रहना और फिर वीडियो संदेश जारी कर इस तरह की बातें करना यह सब दर्शाता है के पीछे से सिस्टम में बैठे जिम्मेदार लोग भी बाबा के साथ पूरी प्लैनिंग कर बाबा को बचाने में जुटे हुए हैं ।
नारायण शाकाहार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरज पाल जाटव ने वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा है कि घटना के बाद वह बहुत व्यथित है और की सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। उपद्रवी बख्शे नहीं जाएंगे। यह वीडियो मैनपुरी के उसी आश्रम से जारी होना बताया जा रहा है जहाँ सत्संग के बाद भोले बाबा की अंतिम लोकेशन ट्रेस हुई थी और। लोकेशन ट्रेस होने के बाद भी पुलिस ने अंदर जाकर बाबा की खोजबीन नहीं की थी। पूरा घटनाक्रम साफ बता रहा है कि बल बाहुबल प्रशासनिक घुसपैठ और राजनीतिक रसूख की आड़ में यह बाबा देश के सिस्टम से खिलवाड कर रहा है या देश के सिस्टम को अपनी उंगलियों पर नचा रहा है।
इस घटनाक्रम के बाद पूरे देश की जनता यह देख। रही है कि एक सूखदार बाबा इस तरह देश के सिस्टम का मजाक उड़ा रहा है। 121 लोगों की हत्या के बाद भी प्रशासन प्रशासन पूरी तरह से बाबा बाबा को बचाने के प्रयास में जुटा है ऐसा प्रतीत। करता है क्योंकि जब पुलिस एक सामान्य अपराधी खो सैकड किलोमीटर दूर से भी पकड़कर ला सकती है तो फिर इस बाबा को ट्रेस करने में फेल होना बड़ी सांठगाँठ की तरफ इशारा करता है।
मैं भविष्यवक्ता तो नहीं लेकिन फिर भी बता दूं की कुछ महीनों बाद इस पूरे घटनाक्रम को भुला दिया जाएगा। हमारा सिस्टम इस बाबा को क्लीन चिट दे देगा। तमाम जांच रिपोर्ट में तमाम तरह की अलग अलग लोगों को जिम्मेदार बताकर या तमाम खामियां बताकर इस मामले को बंद कर दिया जाएगा। हो सकता है कि कुछ जांच में तो मरने वालों को ही दोषी ठहरा दिया जाए और आखिर में कुछ न मिले तो के भारत के सिस्टम के नियम अनुसार आखिरी में घटना को एक्ट ऑफ गॉड का नाम दे दिया जाए लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है की ये? सत्संग कराने वाला बाबा तो खुद को ही परमात्मा बताता है। ऐसी स्थिति में यदि एक्ट ऑफ गॉड भी हुआ तो गॉड तो यही है मतलब दोषी भी यही है!
देखिए यह वीडियो चीख चीख कर कह रहा है कि यह दुर्घटना नहीं सामूहिक हत्या है!