मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष 2024-25 के बजट के लिए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश में पहली बार 03 लाख 60 हजार करोड़ से अधिक की राशि का बजट प्रस्तुत किया गया है। बजट की यह विशेषता है कि इसमें किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। किसी भी विभाग की अपेक्षित राशि को कम नहीं किया गया, अपितु सभी विभागों के आवंटन में वृद्धि की गई है। “विकसित भारत-विकसित मध्यप्रदेश’’ की थीम पर प्रस्तुत बजट में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षा अनुसार जीडीपी की ग्रोथ को सुनिश्चित करते हुए आगामी पाँच वर्षों में बजट का आकार दोगुना किया जाएगा। बजट में सभी वर्गों विशेषकर युवा, गरीब, महिला, किसान आदि का ध्यान रखा गया है। आईटी सहित नवीन तकनीक के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए प्रशासनिक सेवाओं में प्रदेश के युवा अधिक से अधिक संख्या में आए, इस उद्देश्य से उन्हें प्रोत्साहन व प्रशिक्षण उपलब्ध कराने तथा प्रदेश में उनका योगदान बढ़ाने के लिए दीर्घगामी योजना पर कार्य होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वर्ष 2024-25 के बजट के संबंध में विधानसभा स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो विद्यार्थी छात्रावासों में अध्ययनरत हैं, उनके लिए भी बजट में विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए बजट में पर्याप्त धन राशि की व्यवस्था की गई है। गौ-शालाओं के लिए भी पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक विकास के लिए बजट प्रावधान में 40 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। भारी उद्योग, एमएसएमई और कुटीर उद्योग सहित स्व-सहायता समूह के लिए भी बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है। स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्य जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, एक्सप्रेस-वे पर विशेष ध्यान होगा। महाकौशल, चंबल, विंध्य, मालवा, आदि की सीधी कनेक्टिविटी राजधानी से जुड़े, इस उद्देश्य से पर्याप्त व्यवस्था करते हुए वित्तीय तरलता का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सिंहस्थ का वृहद स्तर पर आयोजन होने वाला है। उज्जैन में होने वाला सिंहस्थ भव्य और दिव्य होता है। सिंहस्थ के लिए इंदौर एवं उज्जैन संभाग के 13 जिलों के देव-स्थानों पर पर्याप्त व्यवस्था के उद्देश्य से टोकन राशि के रूप में 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक प्रदेश की थाती हैं, उनके लिए विशेष योजना आरंभ की जा रही है। अन्य प्रदेशों या विदेशों में कार्यरत युवाओं के माता-पिता की देखरेख के लिए नगरीय क्षेत्र में ऐसी सोसायटियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जहाँ वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा सुविधा सहित सभी आवश्यक व्यवस्था हो। इस दिशा में आगे आने वाले प्रायवेट सेक्टर को राज्य शासन की ओर से सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में रिकार्ड संख्या में पर्यटक पधारे हैं। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ हैरिटेज टूरिज्म, वन पर्यटन में पर्याप्त गतिविधियां हैं। इसके साथ-साथ एजुकेशन व हेल्थ टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में “श्रीअन्न’’ उत्पादन क्षमता देश में सर्वाधिक है। इसे प्रोत्साहन देने के लिए भी व्यवस्था की गई है। डिण्डौरी में “श्रीअन्न अनुसंधान केन्द्र’’ खोला जा रहा है। इसी प्रकार दलहन अंतर्गत चना अनुसंधान केन्द्र मालवा में, सरसों अनुसंधान केन्द्र चंबल में खोला जाएगा। गौ-वंश संबंधी अपराधों को बढ़ावा नहीं मिले, इसके लिए कठोर कार्रवाई के साथ-साथ गौ-वंश को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य शासन ने इस वर्ष को गौ-वंश रक्षा वर्ष घोषित किया है। राज्य सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं के परिणामस्वरूप दो करोड़ 30 लाख से अधिक लोग गरीबी रेखा के बाहर आए हैं। प्रदेश में रोजगारपरक योजनाओं को लागू करते हुए सामान्यजन के बेहतर जीवन के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्यरत रहेगी।