मध्य प्रदेश में तलाक का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक ने अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया, क्योंकि उसने लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट दे दिया। भाजपा की सदस्यता लेकर उसने प्रचार भी किया था। संभवतः यह पूरे देश में ऐसा पहला मामला है जब केवल अपने मताधिकार का प्रयोग अपने पसंद की पार्टी के लिए करने पर किसी महिला को तलाक दे दिया गया हो!
तीन तलाक कहकर तोड़ दिया रिश्ता
मामला मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का है जहां रॉयल चौक में रहने वाली महिला ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। उसने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का आरोप भी लगाया है। साथ ही बताया, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से प्रभावित होकर मैंने भाजपा की सदस्यता ली थी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्राचर किया और वोट भी दिया, लेकिन यह बात परिवार के लोगों को इतनी नागवार गुजरी कि मारपीट करते हुए पति ने तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ लिया।
य़ह रहीं विवाद की एक और बजह
महिला इशरात ने विवाद की वजह बताते हुए कहा, पति की छह बहनें हैं, जो पारिवारिक मुद्दे पर कुछ ज्यादा ही इंटरफेयर करती हैं। चार बहनों का दखल कुछ ज्यादा ही रहता है। तलाक को लेकर वह मुझे पहले भी नोटिस दे चुके हैं। बाद में घर से निकाल दिया। इस महिला की शादी अब्दुल आशिफ मंसूरी से हुई थी। शादी के बाद से दोनों अच्छे से रह रहे थे, लेकिन बाद में पति दहेज के लिए परेशान करने लगा। पति की प्रताड़ना से तंग आकर महिला मायके चली गई। बताया कि पति मायके से पांच लाख लाने का दबाव बना रहा था।
पुलिस ने किया केस दर्ज
महिला की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने अब्दुल आशिफ मंसूरी सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ धारा 498 ए, 294, 34, दहेज अधिनियम की धारा 3/4 और मुस्लिम महिला ( विवाह पर अधिकार का संरक्षण ) अधिनियम की धारा 2019 की धारा 4 के तहत केस दर्ज किया है।