मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले में बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया ने एक बड़ा खुलासा किया है। इस खुलासे ने मध्यप्रदेश के सिस्टम में घुली भ्रष्टाचार की कलई खोल कर रख दी है। नर्सिंग कॉलेजों को दी गई मान्यता में पूर्व रजिस्ट्रार ने तमाम जिलों के CMHO को भी दोषी ठहराया है। फर्जी अस्पतालों का यदि CMHO रजिस्ट्रेशन ही नहीं करते तो नर्सिंग कॉलेज वाले उसे अपना दिखाकर मान्यता कैसे लेते? इस बड़े सवाल का साथ चंद्रकला ने नर्सिंग स्कैम में बड़ा खुलासा किया है।
यह है CMHO के लिप्त होने की वजह
चंद्रकला ने बताया कि यदि अस्पतालों का निरीक्षण ठीक से किया गया होगा और उसका नियमों से रजिस्ट्रेशन होता तो आज ये नौबत नहीं आती, उन्होंने कहा कि हमारे पास तो नर्सिंग कॉलेज संचालक 100 बीएड का अस्पताल का सर्टिफिकेट लेकर आया तो हमने मान्यता दे दी। चंद्रकला ने कहा कि कॉलेज को मान्यता देने के लिए कॉलेज का खुद का 100 बिस्तर का अस्पताल होना जरूरी होता है हमने जब 2020- 21 में मान्यता दी तो यही नियम था, जब कॉलेज संचालक CMHO के दस्तखत वाला 100 बिस्तर के अस्पताल का सर्टिफिकेट से रहे हैं तो फिर हमारा क्या दोष? यदि CMHO ही फर्जी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन नहीं करते तो आज ये हालात पैदा नहीं होते।
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