डिजिटल डेस्क नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. इस हालात को देखते हुए दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी प्राइवेट और सरकारी टेलीकॉम कंपनियों को आपदा जैसी स्थिति के लिए पूरी तैयारी रखने का निर्देश दिया है. साथ ही, साइबर हमलों की आशंका को देखते हुए नेटवर्क सुरक्षा को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है।
संचार मंत्रालय ने एयरटेल, जियो, बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया जैसी सभी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों को एकजुट होकर नेटवर्क की सेवा को लगातार और भरोसेमंद बनाए रखने को कहा है. खासतौर पर सीमावर्ती इलाकों में नेटवर्क सेवाओं को मजबूत करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत के बाद टेलीकॉम कंपनियों से कहा गया है कि वे जरूरी ढांचों और सुविधाओं की अपडेटेड लिस्ट बनाएं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।

प्राप्त सूचना के अनुसार इन कंपनियों को यह भी कहा गया है कि वे अपने डीजल जनरेटर (DG सेट) के लिए पर्याप्त डीजल का भंडारण करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में टेलीकॉम सेवाएं बिना रुके चलती रहें. इसके अलावा, रिपेयर टीमों और जरूरी सामान के साथ रिजर्व टीमें रणनीतिक स्थानों पर तैनात करने को भी कहा गया है, ताकि नेटवर्क सेवाओं को जल्दी बहाल किया जा सके।इन कंपनियों को यह भी कहा गया है कि वे अपने डीजल जनरेटर (DG सेट) के लिए पर्याप्त डीजल का भंडारण करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में टेलीकॉम सेवाएं बिना रुके चलती रहें. इसके अलावा, रिपेयर टीमों और जरूरी सामान के साथ रिजर्व टीमें रणनीतिक स्थानों पर तैनात करने को भी कहा गया है, ताकि नेटवर्क सेवाओं को जल्दी बहाल किया जा सके।
मई को दूरसंचार मंत्रालय के डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर के दायरे में मौजूद बीटीएस (Base Transceiver Station) की सेवाओं को बिना बाधा के सुचारू रूप से चलाते रहना बेहद जरूरी है. राज्य और जिला स्तर पर इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स (EOC) की कनेक्टिविटी बनाए रखने पर खास ध्यान देने को कहा गया है।

इसके अलावा, 2020 में बनाए गए Standard Operating Procedures (SOP) का सख्ती से पालन करने और तुरंत एक्शन लेने के निर्देश टेलीकॉम कंपनियों को दिए गए हैं. मंत्रालय ने सभी लोकल सर्विस एरिया (LSA) प्रमुखों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने और इमरजेंसी के समय टेलीकॉम से जुड़े सामान और कर्मचारियों की आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा है।