पहलगाम में 26 पर्यटकों की मौत के बाद से ही पूरा देश इंतजार कर रहा था कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई न कोई बड़ा फैसला जरूर करेंगे। हालांकि उन्होंने अपना फैसला लेने में कुछ दिन लगाए लेकिन जिस तरह का अंतिम परिणाम उन्होंने दिखाया वह कई तरह के सन्देश दे जाता है। उन्होंने जिस तरह से पूरे योजनाबद्ध तरीके से पाकिस्तान के आतंकी हमलों पर हमला करने के साथ-साथ हिन्दुस्तान के हिंदू-मुस्लिमों के बीच की खाई को पाटने का काम किया है, वह वास्तव में काबिले तारीफ है।
परसों रात को एक बजे पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला होता है और पाकिस्तान को उसकी हैसियत बता। दी जाती है लेकिन अब देश को भी बताना था के देश की सेना ने और देश की सरकार ने देश के नागरिकों भावनाओं का सम्मान करते हुए किस तरीके से पाकिस्तान?को उसकी हैसियत दिखाई है। और इसके लिए सुबह आर्मी की प्रेस वार्ता रखी गई तो उसमें सामने आती हैं। दो महिलाएं एयर फोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय फौज की कर्नल सोफिया क़ुरैशी। हालाँकि आर्मी के पास भी अपने प्रवक्ता होते हैं। वो कर्नल व विंग कमांडर से भी बड़े पद के अधिकारी भी होते हैं। वह भी इस प्रेस कांफ्रेंस को। संबोधित कर सकते थे। लेकिन यह एक कूटनीतिक निर्णय था कि जिस तरीके से आतंकवादियों ने भारत की महिलाओं की मांग से सिंदूर उजाड़ा है उनके अड्डों को खत्म करने के लिए जो ऑपरेशन चलाया जाएगा उसका नाम रखा जाएगा ऑपरेशन सिंदूर और भारत की महिलाएं ही इस ऑपरेशन को लीड करेगी।

जिस तरह से पहलगाम हमले के बाद यह चर्चा चल रही थी कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को गोली मारी है उसके बाद हिंदू मुस्लिम के बीच की खाई बढ़ती जा रही थी। और लोगों के मन मैं देश के सभी मुस्लिमों के प्रति नफरत बढ़ रही थी। और शायद इसी बढ़ती नफरत को रोकने के लिए मोदी सरकार ने यह फैसला किया कि प्रेस वार्ता में सामने आएगी। एक हिंदू महिला व्योमिका सिंह और एक मुस्लिम महिला अधिकारी सोफिया कुरैशी और दोनों धर्म की यह महिलाएं किस तरह देश में मर मिटने के लिए तैयार हैं यह उदाहरण देश के सामने देगीं। और शायद लोग समझ पाएं कि हमें पाकिस्तान का विरोध करना है और जो हिंदुस्तान पर मर मिटने वाले मुसलमान हैं उनका सम्मान करना है।
जिस तरह से आत्मविश्वास से भरी हुई कर्नल। सोफिया कुरैशी प्रेस से रूबरू हुई और जिस तल्ख अंदाज में उन्होंने। पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की नीति और सेना की तैयारी साझा की। और जिस तरह का देशभक्ति का जज्बा और हौसला उनकी आँखों में। दिखाई दे रहा था और जिस तरह से वह अपने बहनों की सिंदूर की रक्षा करने के लिए। प्रतिबद्ध नजर आ रही थी। यह सब दिखा रहा था कि किस तरीके से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया है।। देश में शक्ति स्वरूपा महिला किसी से कम नहीं है। और देशभक्ति की भावना में यह महिलाएं किसी भी धर्म और समुदाय से हो सकती हैं। और एक मुस्लिम परिवार की बेटी भी देश की सेवा में मर मिटने के लिए तत्पर खड़ी रह सकती है।
