मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में गड़बड़ी और अनियमितता का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। मामले में सरकार ने तत्कालीन नर्सिंग रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को बर्खास्त कर दिया है। लेकिन नरसिंह घोटाले की आज ठीक उसी तरह फैलती जा रही है जिस तरह जंगल में लगी आग और इस आग में की जग में अब कुछ मंत्री भी आने वाले हैं। मध्य प्रदेश मेंपहले भी व्यापम घोटाले में बड़े-बड़े मंत्रियों के नाम आ चुके हैं और अब नर्सिंग घोटाला भी कुछ इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। सोशल मीडिया पर जारी इस वीडियो में उमंग सिंगार ने भाजपा सरकार के तत्कालीन मंत्री और प्रदेश के कुछ आल्हा दर्जे के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने लिखा- मोहन सरकार ने तत्कालीन नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को बर्खास्त कर दिया, यह एक अच्छा कदम है। लेकिन, मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव से पूछना चाहता हूं कि वह बड़े मगरमच्छ को क्यों छोड़ना चाहते हैं।
उमंग सिंगार ने अपने वीडियो में चिन्ह बड़े मगरमच्छों पर आरोप लगाए हैं उन्होंने उनका नाम भी उजागर किया है उन्होंने अपने वीडियो में खुलेआम आरोप लगाते हुए तत्कालीन विभाग के प्रमुख रहे एसीएस मोहम्मद सुलेमान का नाम लेकर कहा कि वह कोरोना काल से घोटाले करते आ रहे हैं। क्या वह इसके भागीदार नहीं हैं। सिंघार ने तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री विश्वास सारंग का नाम लेकर पूछा कि क्या वह इसके भागीदार नहीं हैं। तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त निशांत वरबड़े क्या इस मामले के भागीदार नहीं हैं?
मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में बड़ी अनियमितता सामने आई। यह अनियमितता पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई है। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग थे। वहीं, विभाग के प्रमुख मोहम्मद सुलेमान और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त निशांत वरबड़े थे। इसलिए इनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाले ने पूरे देश में मध्य प्रदेश की छवि धूमिल की है। मध्य प्रदेश एक समय जुगाड़ से नर्सिंग करने के लिए पूरे देश में को ख्यात हो चुका था और जब इसमें गड़बड़ झाला सामने आया तो इसकी जांचसीबीआई को दी गई लेकिन शायद यह एकमात्र ऐसा गड़बड़ झाला होगा जिसमें सीबीआई भी लिफ्ट हो गई और सीबीआई ने पैसा लेकर कॉलेज को क्लीन चिट दे दी। अब यहकैसे संभव हैकी इतना बड़ा घोटाला एक प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने के नाम पर चला रहा और उसे प्रदेश की सरकार सोती रही।