भोपाल मध्य प्रदेश: पुलिस की लापरवाही के तमाम मामले खबरों में बने रहते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के नेमावर में 2021 में एक ऐसी घटना हुई थी जिसमें पुलिस की लापरवाही साफ नज़र आई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया ही नहीं था। वह तो एक लड़की की जिद रही जिसने अपनी जिद के बल पर अपने पूरे परिवार के हत्या का खुलासा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मामला देवास जिले के नेमावर का है, जहाँ एक प्रेमी ने अपने प्रेमिका उसकी माँ भाई वह दो बहनों को मौत के घाट उतार दिया था। हत्या इतनी शातिराना तरीके से की गई थी के किसी को शक भी न हो।
हत्यारे सुरेन्द्र का प्रेम प्रसंग रूपाली के साथ चल रहा था। जब सुरेंद्र की शादी कहीं और हो जाती है रूपाली इसका विरोध करती है। सुरेंद्र रूपाली को रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रचता है। वह 13 मई को अपने खेत पर रूपाली को बुलाता है। जहाँ सुरेंद्र अपने दो भाइयों दो और दोस्तों और दो नौकरों के साथ पूरे योजनाबद्ध तरीके से हत्या के लिए तैयार रहता है। वह रूपाली के वहाँ पहुँचने पर गला दबाकर उसकी हत्या कर देता है। लेकिन सुरेंद्र को यह डर था कि पूरे परिवार को इसकी जानकारी है। रूपा ली की मौत पर परिवार आवाज उठाएगा। इसलिए वह एक-एक करके रूपाली की माँ फिर भाई बहनों को भी खेत पर बुलाकर उनकी हत्या कर देता है।

हत्या का षडयंत्र इतना खतरनाक तरीके से रचा। जाता है। कि किसी को लाश भी न मिले। सुरेंद्र अपने साथियों के साथ इन सभी लाशों को। एक बारह फिट के। गड्ढे में दबा देता है जिसमें नमक और यूरिया भी डाल दिया जाता है जिससे ये लाशें गल जाएं और कोई सबूत न मिले। इस मामले में पीतमपुर में रहने वाली रूपाली की बहन भारती। जब परिवार से संपर्क न होने पर। नेमा पर पहुँचती है। और उसे। घर पर अपना परिवार नहीं मिलता। तो वह पुलिस के चक्कर काटती है। पुलिस भी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है। पुलिस की यह लापरवाही हत्याकांड को शायद यही दवा देती। और न जाने कितने ही मामलों में ऐसा हो भी रहा हो।
रूपाली और अपने परिवार को खो देने के बाद भारती हार नहीं मानती। और वह लगातार इस मामले मैं सबूत जुटाने का प्रयास करती है। रूपा ली कई बार थाने के चक्कर काटती है। लेकिन पुलिस द्वारा बार-बार थाने से लौटा देने के कारण हताश होकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित सी एम हेल्पलाइन पर शिकायत करती है। तब भारती हिम्मत नहीं हारती लगातार इस मामले की जाँच के लिए पुलिस पर दबाव बनाती है तब पुलिस रुपाली को फ़ोन करो ट्रैक करना शुरू करती है। इतने दिनों बाद भी फ़ोन कौन रहता है? और उसकी लोकेशन लगातार बदल रही होती है। और अभी तक भारती और पुलिस यही समझ रही है रूपाली कहीं जिंदा है।
भारती के लगातार प्रयास के चलते पुलिस थोड़ी एक्शन में आती हैं। और सुरेंद्र के दोस्त को हिरासत में लेकर पूछताछ करती है। और फिर परत दर परत हकीकत सामने आने लगती है। हत्या की घटना के 48 दिन बाद पुलिस को हत्याकांड का पता चलता है। गड्ढे की खुदाई की जाती है तो वहाँ पर रूपाली और उसके परिवार लोगों के नर कंकाल मिलते हैं। और यह सब देखकर शायद वह पुलिस भी हैरान हो जो शुरू में। इस केस में। पूरी तरह लापरवाह थी वह इतने बड़े हत्याकांड को गम्भीरता से नहीं ले रही थी।

जब हत्याकांड का खुलासा हुआ और गड्ढे से नर कंकाल मिले। तो पूरे प्रदेश में यह खबर तेज़ी से फैल गई और पुलिस की लापरवाही की चर्चा होने लगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मई 2000। 22 को यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया सीबीआई ने इस। मामले की 9 महीने तक। गहन जांच की और 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की इस। पूरे मामले की जांच करने के लिए सीबीआई को तमाम कॉल रिकॉर्ड्स अन्य सबूत खंगालने पड़े। और हत्या के मजबूत सबूत उनको मिले। इस पूरे हत्याकांड के खुलासे के पीछे की सबसे बडी वजह रही, रूपाली की बहन भारती की जिद लगातार प्रयास।