भोपाल मध्य प्रदेश: पीएम एक्सीलेंस अवार्ड मिलना किसी भी सिविल सेवक के लिए एक गौरव की बात होती है। यदि आप अपने जिले में उत्कृष्ट कार्य करते हैं और आपके कार्यों से आमजन का जीवन बदलता है तो आपका चयन पीएम एक्सिलेंस अवार्ड के लिए किया जाता है। इस अवार्ड में विजेता को एक ट्रॉफी एक स्क्रॉल और 20 लाख रुपए की राशि दी जाती है। लेकिन यह राशि क्षेत्र में जन कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उपयोग करनी होती है।
यह पुरस्कार भारत सरकार उन अफसरों को देती है जो लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने वाले काम करते हैं। झाबुआ जिले में बतौर कलेक्टर नेहा मीना ने शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण जैसे क्षेत्रों में खास काम किए हैं। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में योजनाओं को जमीन पर उतारा और आम लोगों तक सरकारी सुविधाएं पहुँचाईं। उनके काम की वजह से जिले में बदलाव साफ दिखाई दिया, इसी कारण उन्हें यह राष्ट्रीय स्तर का सम्मान मिल रहा है।

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले की कलेक्टर नेहा मीना को देश के सबसे बड़े प्रशासनिक पुरस्कारों में से एक प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार-2024 के लिए चुना गया है। उन्हें यह सम्मान ‘आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम’ श्रेणी के तहत मिलेगा । पुरस्कार उन्हें 21 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री के हाथों दिया जाएगा। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के एक और पूर्व आईएएस राहुल हरिदास को भी पीएम एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
21 अप्रैल राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें देशभर के बेहतरीन अफसरों को उनके काम के लिए सम्मानित किया जाता है। बता दें कि यह पुरस्कार भारत सरकार उन अफसरों को देती है जो लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने वाले काम करते हैं। झाबुआ जिले में बतौर कलेक्टर नेहा मीना ने शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण जैसे क्षेत्रों में खास काम किए हैं। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में योजनाओं को जमीन पर उतारा और आम लोगों तक सरकारी सुविधाएं पहुँचाईं। उनके काम की वजह से जिले में बदलाव साफ दिखाई दिया, इसी कारण उन्हें यह राष्ट्रीय स्तर का सम्मान मिल रहा है।
