सागर मध्य प्रदेश: अभी हाल ही में भाजपा के एक विधायक के यहां अकूत संपत्ति मामला सुर्खियों में आया था। इन विधायक महोदय ने तमाम बेनामी संपत्ति इकट्ठा कर रखी थी। अब इन्हीं विधायक के बँगले से एक चौंकाने वाली जानकारी भी बाहर निकलकर आ रही है। इन्होंने अपने बँगले में ही एक निजी चिड़ियाघर बना रखा था जहां उन्होंने नियम विरुद्ध कई। जंगली पशुओं को। अपने बँगले में रखा हुआ था। यह पहला मामला है जब कोई नेताजी अपने बंगले को चिड़ियाघर बनाने के मामले में सुर्खियों में आए हैं। बंगले के चिड़ियाघर की तस्वीरें ऐसी थीं।देखकर वन विभाग का अमला भी हैरान रह गया।
यह विधायक हैं हरिवंश सिंह राठौर जो मध्यप्रदेश के जिला सागर। के बांदा विधानसभा से पहले विधायक रह चुके हैं। अभी कुछ दिन पूर्व ही इनके बंगले पर आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा था और तमाम अकूसंपत्ति का खुलासा हुआ था। जब आयकर विभाग की टीम बंगले में पहुंची तो उन्हें वहां कई जंगली पशु भी दिखाई दिए।। जिसकी जानकारी 1 विभाग को दी गई और 1 विभाग ने भी फिर बंगले पर जाकर अवैध रूप से संचालित चिड़ियाघर का भंडाफोड किया।
जो जानकारी निकल के आ रही है उसमें पता चल रहा है कि हरवंस सिंह राठौर ने यह बंगला। इसके अंदर चिड़ियाघर का निर्माण 64 में कराया था। इसको सही मानें तो लगभग 60। साल से यह चिड़ियाघर इस बंगले में संचालित हो रहा है। सूत्रों से यह भी खबर आ रही है के पूरे प्रशासनिक अमले। को और 1 विभाग को पहले भी कई बार यह जानकारी मिल चुकी थी और यह सभी के जानकारी में होने के बावजूद इस बंगले में चल रहे अवैध चिड़िया घर पर किसी तरह की कार्रवाई अब तक नहीं हुई थी।
वन विभाग या जिला प्रशासन तो अब भी विधायक जी पर कार्यवाही नहीं करता।वह तो हुआ यूं कि 5 जनवरी को सुबह सुबह आयकर विभाग की टीम ने विधायक जी। के बंगले पर छापा मारा था। यह छापे की कार्रवाई 3 दिन चली और इसी दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों ने बँगले में मगर मच्छों को देखा और अन्य कई पक्षी भी देखें। इसके चलते उन्होंने इसे गंभीरता से लिया 1 विभाग को इसकी सूचना दी। और आयकर विभाग के दबाव में ही वन विभाग ने यह कार्रवाई की है।
शुक्रवार को दो और शनिवार को दो मगरमच्छों के साथ कुछ बंदरों को बंगले से निकालकर अभयारण्य के तालाब व जंगल में छोड़ा। निजी चिड़ियाघर में कई प्रजाति के पक्षी अब भी हैं। उधर, पूर्व विधायक पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत अब तक केस दर्ज नहीं किया गया है। लोगों का कहना है कि राठौर परिवार ने संभवत: धार्मिक वजहों से मगरमच्छ पाले थे, क्योंकि जब मगरमच्छों को वन विभाग की टीम ने पकड़ा तो परिवार ने उनकी पूजा की थी। जिस तालाब में मगरमच्छों को रखा गया था, उसके ऊपर गंगा मंदिर बना है। यह मंदिर अधिकतर कांच से बना है, इसीलिए लोग इसे कांच मंदिर भी कहते हैं।
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