जिले के बांधवगढ़ में मंगलवार की दोपहर तक जहर खुरानी से चार हाथियों की मौत के बाद रात में तीन और हाथियों ने अपने प्राण त्याग दिए थे। सुबह जब वन अमला मौके पर पहुंचा ताे उसे तीन और हाथी मरे हुए मिले। दीपावली के दिन एक और ने प्राण त्याग दिया, इश तरह मरने वाले हाथियों की संख्या कुल 10 हो गई है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बांधवगढ़ के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और कोई बात करने को तैयार नहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ एसआईटी के अधिकारी भी बांधवगढ़ पहुंच गए हैं और उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है। पार्क प्रबन्धन ने घटना स्थल से करीब के खेत जिसमे कोदो लगी थी,उसे नष्ट भी कराया है।
प्रदेश के वन मंत्री ने एक्स एकांउट पर लिखा
प्रदेश के वन मंत्री रामनिवास रावत का बयान भी सामने आ गया है। उन्होंने अपने एक्स एकांउट पर लिखा है कि मामले की गंभीरता को देखते जांच की जाए उन्होंने हाथियों की मौत एसआईटी गठित कर दोषियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव अभिरक्षक मध्यप्रदेश को दे दिए हैं।
बांधवगढ़ पहुंची एनटीसीए की टीम-
इस मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव अभिरक्षक मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ आने की जानकारी सूत्रों से मिली है। दिल्ली से भी एनटीसीए की भी एक टीम बांधवगढ़ पहुंची है। इतनी बड़ी संख्या में जंगली हाथियों की मौत के बाद अब इस बात में कोई संदेह नहीं रह गया है कि इसके पीछे असली वजह जहरखुरानी ही है।
जहर की खुशबू हाथी न सूंघ पाए ऐसी वस्तुओं में जहर दिया गया-
वन विभाग के अधिकारी और एसआईटी भी इसी एंगल से मामले की जांच कर रही है। हालांकि अभी यह बात सामने नहीं आई है कि कौनसा जहर हाथियों को दिया गया और इसके लिए कौनसा तरीका इस्तेमाल किया गया। हाथियों को किसी ऐसी वस्तु में जहर दिया गया है जिससे जहर की खुशबू हाथी नहीं सूंघ सके।
उनकी सूंघने की क्षमता बेहद ज्यादा होती है-
विशेषज्ञों का मानना है कि कीट नाशक जैसी दवाइयों का न तो हाथियों पर इतना बड़ा असर होता है और न ही जंगली हाथी उन फसलों को खाते हैं जिन पर कीट नाशक पड़ा हो। इसकी वजह यह है कि उनकी सूंघने की क्षमता बेहद ज्यादा होती है।
दफन कियए गए हाथी-
मरने वाले जंगली हाथियों को जमीन में दफन किया गया। घटना स्थल पर ही गड्ढे खोदे जा रहे हैं। यह जानकारी भी मिली कि हाथियों के शव को दफनाने के लिए तीन सौ बोरी नमक भी मंगवाया गया। यह जानकारी सामने आ रही है कि मौके पर ही पीएम करने के साथ हाथियों के शव को दफना दिया।