नगर निगम के सीवेज प्रकोष्ठ के जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाही का नतीजा सामने आया है कि भारी वाहन भी मजदूर चला रहे हैं । इनका नतीजा पुराने शहर के भारत टाकीज क्षेत्र में मंगलवार रात उस समय सामने आया, जब सीवेज के भारी ट्रक ने एक दूसरे ट्रक को टक्कर मार दी।
बाद में पता चला कि सीवेज का ट्रक कुशल चालक के बजाय दिहाड़ी मजदूर चला रहा था, जिसका नाम अमर बताया जा रहा है। गनीमत रही कि जब यह हादसा हुआ, उस वक्त वहां ज्यादा ट्रैफिक नहीं था और आसपास लोग भी कम थे, इस वजह से कोई जनहानि नहीं हुई। सीवेज का ट्रक दौड़ा रहे मजदूर को चोट आई है, लेकिन वह खतरे से बाहर है।चौंकाने वाली बात यह है कि इस हादसे के बारे में पता चलने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इसे गंभीरता से लेने के बजाय इस पर पर्दा डालने में जुट गए । सीवेज प्रकोष्ठ के कार्यपालन यंत्री आरके त्रिवेदी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बेपरवाह ढंग से कहा कि गाड़ी चला रहे मजदूर के पास भी लाइसेंस था।
प्रकोष्ठ में अधिकांश कर्मचारी 25 दिवसीय है, जो काम कर रहे हैं। कार्यपालन यंत्री की यह बात सुनने के बाद कहना गलत नहीं होगा कि इनकी लापरवाही से किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। जिस दिहाड़ी कर्मचारी से इनको सीवेज सफाई का काम करवाना चाहिए, लेकिन वह उनसे अन्य कार्य करवा रहे हैं।
हाल ही में प्रतिनियुक्ति पर आए हैं त्रिवेदी
यहां पर यह बता दें कि आरके त्रिवेदी नगर निगम में पीएचई से प्रतिनियुक्ति पर आए हैं। पीएचई में इनका मूल पद उपयंत्री था। लिहाजा इनको सीवेज के कार्य का कोई अनुभव नहीं है। यहां यह सवाल खड़ा होता है कि एक उपयंत्री को निगम में कार्यपालन यंत्री कैसे बना दिया। जबकि निगम में कई ऐसे अधिकारी हैं, जो कार्यपालन यंत्री के पद के लिए योग्य हैं। सूत्र बताते हैं कि यह अपनी पसंद के हिसाब से कर्मचारियों को काम सौंपते हैं।