भोपाल मध्य प्रदेश: अपने गोलमाल काम और भ्रष्टाचार के लिए सुर्खियों में रहने वाले मंडी बोर्ड ने एक और कारनामा कर दिखाया है। इस बार एक ऐसा टेंडर पास किया गया जिसमें अधिक रेट। देने वाले को टेंडर दे दिया गया और कम वालों को बाहर कर दिया गया। टेंडर में पक्षपात कर गड़बड़ी करने के आरोप में मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी बोर्ड) के दो अधिकारियों के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को प्रकरण कायम किया है। इसमें सलिल गर्ग, प्रभारी अधीक्षण यंत्री और चक्रेश शर्मा, प्रभारी उपयंत्री को आरोपित बनाया गया है। टेंडर प्रक्रिया में शामिल सीहोर के ठेकेदार भारत गुप्ता ने मामले की शिकायत अक्टूबर 2021 में ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी। यहां लगभग तीन वर्ष तक जांच के बाद शिकायत सही मिलने पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत प्रकरण कायम किया गया है।
टेंडर प्रक्रिया में शामिल सीहोर के ठेकेदार भारत गुप्ता ने मामले की शिकायत अक्टूबर 2021 में ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी। यहां लगभग तीन वर्ष तक जांच के बाद शिकायत सही मिलने पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत प्रकरण कायम किया गया है। शिकायत के परीक्षण में पाया गया कि तीन निर्माण स्थल क्रमशः कालीमाता बीज उत्पादक सहकारी समिति ग्राम पंचायत बिहार, नरसिंहगढ़ (राजगढ़), बीज उत्पादक सहकारी संस्था पीपलखेड़ा ग्राम पंचायत खाई खेड़ा, सीहोर और आदर्श बीज उत्पादक प्रक्रिया एवं विपणन सहकारी संस्था पाडल्या, ग्राम पंचायत पीपलखेड़ा सीहोर के लिए 95.31 लाख रुपये की निविदा ई-टेंडर पोर्टल पर जारी की गई थी।
इसे छह फरवरी 2021 को आनलाइन अपलोड किया गया था। इस निविदा के संबंध में पांच अखबारों में भी सूचना दी गई थी। शर्त के अनुसार निविदाकारों को निविदा से संबंधित चाहे गए दस्तावेजों की सत्यापित छायाप्रतियां एवं शपथ पत्र की मूल प्रति 26 फरवरी 2021 को शाम 5.30 बजे तक स्पीड पोस्ट पंजीकृत डाक से मंडी बोर्ड मुख्यालय में प्राप्त होना था। फिलहाल इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है और दो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।