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रेलवे स्टेशन के नाम पर भाजपा के दो गुटों में ठनी, माधव राव और अटल के नाम पर खींचतान

ग्वालियर मध्य प्रदेश: ग्वालियर रेलवे स्टेशन जो कभी अपने बेहतरीन सुविधाओं के लिए जाना जाता था और दूर दूर से आए यात्री भी स्टेशन की तारीफ करते नहीं थकते थे। वह स्टेशन बीच में कई साल तक बदहाली का शिकार रहा लेकिन अब इस स्टेशन का पुनर्निर्माण चल रहा है। 550 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त। रेलवे स्टेशन जल्द ही यात्रियों को सुविधा के लिए उपलब्ध रहेगा। अभी फिलहाल इस रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। लेकिन इसी बीच इस स्टेशन के नाम को लेकर राजनीति शुरू हो गई है।

ग्वालियर के सांसद भारत सिंह कुशवाहा इस रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर एक प्रस्ताव रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लेकर आए हैं। भारत सिंह कुशवाह ने रेल मंत्री से इस। रेलवे स्टेशन का नाम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा है। इस मामले में भारत सिंह कुशवाह बताते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके व्यक्तित्व को देखते हुए वाले स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा जाना चाहिए।

लेकिन भाजपा के ही एक कद्दावर मंत्री ज्योतिरादित्सिंधिया के समर्थक रेलवे स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी रखे जाने के समर्थन में नहीं है। सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाने वाले पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल का कहना है के ग्वालियर में रेलवे का विकास सिंधिया परिवार की वजह से हुआ है। सिंधिया परिवार ने ग्वालियर रेलवे को बहुत कुछ दिया है इसलिए नवनिर्मित रेलवे स्टेशन का नाम श्रीमंत माधव सिंधिया के नाम पर रखा जाना चाहिए। आपको बता दें कि देश की राजनीति में इस समय भाजपा सत्ता में है और भाजपा की सत्ता में भाजपा के दो कद्दावर भाजपा नेता खाँसी पकड़ रखते हैं लेकिन कई मुद्दों को लेकर दोनों के बीच में मतभेद खबरें लगातार सुर्खियों में रहती हैं।

यहां रेलवे स्टेशन का नाम रखे जाने पर भी जिस तरह से भाजपा अंदरूनी खींचतान दिखाई दी है उसमें ग्वालियर सांसद भरत सिंह कुशवाह नरेंद्र सिंह तोमर खेमे से आते हैं और उनका हर काम नरेंद्र सिंह तोमर को मजबूत करने के लिए ही होता है। जबकि रमेश अग्रवाल ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं और स्वर्गीय श्रीमंत माधुराव सिंधिया के भी काफी करीबी थे। यहां सबसे बड़ी दिलचस्प बात यह है की भाजपा।के ही दो खेमों की खींचतान में कांग्रेस बैठे बैठे ही अपना फायदा देख रही है। क्योंकि यदि रेलवे स्टेशन का नाम श्रीमंत माधवराव सिंधिया रखा जाता है तो कांग्रेस इसे अपनी एक उपलब्धि के रूप में बिना सकती है क्योंकि
स्वर्गीय श्रीमंत माधव राव सिंधिया लंबे समय तक कांग्रेस के ही नेता रहे और कांग्रेस के शासन में ही जब वह रेल राज्य मंत्री थे उस समय उन्होंने ग्वालियर रेलवे स्टेशन का ऐसा कायाकल्प दिया था कि पूरे देश में इसकी चर्चा होने लगी थी।

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