भोपाल मध्य प्रदेश: भोपाल में शिक्षा विभाग में एक शिक्षक को ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसफर करने के नाम पर धमकी दे कर रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। जिसमें लोक शिक्षण संचनालय का एक बाबू एक शिक्षक से 80 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था और रिश्वत न देने पर उस शिक्षक को ग्रामीण क्षेत्र में कहीं दूर ट्रांसफर करा देने की बात कर रहा था। परेशान शिक्षक ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत करके इस घूसखोर बाबू को पच्चीस हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथ पकड़वा दिया।
जन शिक्षक शासकीय हाई स्कूल परवलिया सड़क भोपाल में पदस्थ शिक्षक विक्रम सिंह पचवारिया ने लोकायुक्त पुलिस में लिखित शिकायत दी थी कि लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल में पदस्थ सहायक ग्रेड ए लिपिक विश्व राज सिंह बैस लंबे समय से उसे ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसफर करा देने की धमकी दे रहा है। और ट्रांसफर न कराने के एवज में 80 हजार रुपए की घूस मांग रहा है। पूरी शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने इस घूसखोर बाबू को रंगे हाथों पकड़ने के लिए योजना बनाई। और आज शुक्रवार को दोपहर को जब घूसखोर बाबू विश्वराज सिंह को रंगे हाथों पच्चीस हजार रुपए लेते हुए पकड़ लिया।
पीड़ित शिक्षक विक्रम सिंह पटवारिया ने लोकायुक्त को बताया था कि यह बाबू विश्वास सिंह बैस पिछले दस महीने से धमकी देकर रुपए की मांग कर रहा था और कई बार फोन पर अपशब्द भी प्रयोग कर रहा था। जब इस बाबू ने पीड़ित शिक्षक विक्रम सिंह को रिश्वत लेने के लिए अपने कार्यालय बुलाया उस समय यह बाबू वहाँ से कहीं बाहर जाने की तैयारी में था इसलिए वह एक बैग में कपड़े लेकर आया था। जब शिक्षक विक्रम सिंह बाबू विश्वास सिंह को रिश्वत के पच्चीस हजार रुपए दिए तो वह विक्रम सिंह ने अपनी पैट के जेब में रख लिए। जब लोकायुक्त पुलिस ने इस घूसखोर को रंगे हाथों पकड़ा तो इसके हाथ तो धुलवाई ही लेकिन साथ साथ सबूत के तौर पर इसकी पैंट भी उतरवा ली, जिसमें इसने रिश्वत के रंग लगे हुए रुपए रखे थे। हालांकि बाबू के पास बैग में दूसरी पैंट थी जो उसे पहनाई गई। लेकिन संभवतः यह अपने आप में एक अनोखा मामला है जिसमें रिश्वतखोर ने जिस पैंट की जेब में रिश्वत के रुपए रखे हो पेंट को उतरवाया गया है।