भोपाल, मध्य प्रदेश: यदि आपने महीनों से बिजली का बिल नहीं भरा है और आपका बकाया राशि बहुत बड़ी हो चुकी है तो बिजली विभाग ने आपको 440 बोल्ट का झटका देने की तैयारी कर ली है और यह झटका ऐसा लगेगा की आप बिजली विभाग के बकायादार हैं।यह बात जग जाहिर हो जाएगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों के अंतर्गत आने वाले ऐसे बिजली उपभोक्ता जिनके द्वारा अपने बकाया बिजली बिलों का समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है, उनके नाम, पते और बकाया राशि की जानकारी को सार्वजनिक कर दिया है।
कंपनी द्वारा बकायादारों के नामों की सूची कंपनी के पोर्टल पर सार्वजनिक की है, इन बकायादरों के नाम आमजन और उपभोक्ताओं द्वारा क्षेत्रवार देखा जा सकता है। इसके लिए कंपनी के पोर्टल https://portal.mpcz.in/web/.in पर जाकर होम पेज पर Consumer Arrears List पर क्लिक करते ही वृत्त के आधार पर कुल बकायादारों की सूची उपलब्ध हो जाएगी। इसी लिंक को कंपनी के सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम आदि पर भी साझा कर दिया गया है।
तो यदि आप देखना चाहते हैं कि आपके अड़ोस पड़ोस में या सगे। संबंधियों में भी कौन कौन बड़े बकायादार हैं जो मूंछों पर रॉब चढ़ाकर निकलते हैं। तो आप भी उनका नाम इस पोर्टल के माध्यम से देख सकते हैं। हो सकता है कि इस सूची में आपके शहर के आपके व्रत के कुछ बड़े और संभ्रांत। नेता और व्यापारियों के नाम भी हों। या यह भी हो सकता है कि यहां पर भी बिजली विभाग ने रसुखदारों को विशेष संरक्षण देकर उनके नाम ना भी चढ़ाया हो। कुल मिलाकर बिजली विभाग अब बकायादारों पर सख्ती के मूड में हैं और इस तरीके से नाम सार्वजनिक करना बिजली विभाग को शायद आखिरी विकल्प दिखाई दिया। अब यह इस तरह से किसी ग्राहक का नाम सार्वजनिक करना न्यायसंगत है या नहीं । इस बारे में जब हमने अधिवक्ता अवधेश तोमर से न्यायिक पक्ष जाना तो उनका कहना था के भारतीय न्याय व्यवस्था भारतीय संविधान इस तरह से किसी नागरिक का नाम सार्वजनिक कर उसके सम्मान को ठेस पहुंचाने की अनुमति नहीं देता है। यदि कोई बड़ा बकायादार है भी तो आप न्यायालय का रास्ता अपनाकर उसकी संपत्ति कुर्क करके वसूली कर सकते है। जब कोई बिजली ग्राहक बिजली चोरी करते पकड़ा जाता है उस अवस्था में भी बिजली विभाग न्यायालय में ही प्रकरण लगाता है। रसूखदारों कि यहां मीटर में गड़बड़ी कर और चोरी कर बिजली विभाग को नुकसान होता है। वहां बिजली विभाग कोई जांच नहीं करता और इस तरह आम नागरिकों के नाम सार्वजनिक कर रहा है। बिजली विभाग का यह कृत्य पूरी तरह से असंवैधानिक है।”