Friday, January 24, 2025
14.1 C
Delhi
Friday, January 24, 2025
HomeMadhya Pradeshग्वालियर में 28 को जुटेंगे देश-विदेश के उद्योगपति, जानिए क्यों हैं यहाँ...

ग्वालियर में 28 को जुटेंगे देश-विदेश के उद्योगपति, जानिए क्यों हैं यहाँ निवेश की अपार संभावनाएं?

भोपाल, मध्य प्रदेश : ग्वालियर में 28 अगस्त बुधवार को रीजनल इंडस्ट्री। कॉन्क्लेव होने जा रही है इस कॉन्क्लेव। में कई देशों के तमाम बड़े उद्योगपति जुटेंगे। इस कॉन्क्ले को उद्देश्य क्षेत्र में निवेश के अफसरों को तलाशना अतः उद्योगों का विकास करना है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव स्वयं इस पूरे कॉन्क्लेव की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और इस कॉन्क्लेव को सफल बनाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

सांस्कृतिक, शैक्षिक, खेल एवं कला के क्षेत्रों में कई कीर्तिमानों को सहेजे हुए एतिहासिक नगरी ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया विश्वविद्यालय में 28 अगस्त को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगी। इसमें देश-विदेश के उद्योगपति इस क्षेत्र की कई विशेषताओं के साथ ही औद्योगिक निवेश के अवसरों को जानेंगे। ऐसा क्या है ग्वालियर में जो उद्योगपतियों और निवेशकों को आकर्षित करेगा। क्यों ऐसा माना जा रहा है की ग्वालियर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। आइए जानते हैं…

ग्वालियर के जीआई टैग कालीन है विेशेष

हस्तशिल्प उत्पाद में ग्वालियर का कारपेट (Carpet of Gwalior) विशेष स्थान रखते हैं। ग्वालियर का कारपेट (Carpet of Gwalior) 175वां जीआई टैग मिला है, जिससे इसकी पहचान देश ही नहीं विदेशों में भी बनी है। इस वजह से कालीन इंडस्ट्री का तेजी से विकास हुआ है। इसका बड़ी संख्या में विदेशों में निर्यात किया जा रहा है।

ग्वालियर के सेंड स्टोन की देश-विेदेश में है भारी मांग

ग्वालियर में प्राकृतिक सम्पदाएँ भी प्रचुर मात्रा में है, जिसमें सेंड स्टोन एक है। यहाँ के सेंड स्टोन की विदेशों में बहुत मांग है। ग्वालियर स्थित स्टोन पार्क में लगभग 50 इकाइयों के द्वारा हर साल तकरीबन 68 हजार टन पत्थर दुनिया भर के 100 देशों में भेजा जाता है। लगभग हर साल 68 हजार टन सेंड स्टोन दुनिया में सौ से भी अधिक देशों में निर्यात किया जाता है। सेंड स्टोन का लगभग 800 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार है।

यह पत्थर न सिर्फ देखने में बेहद आकर्षक है, बल्कि यह विशेष भी है कि यह पत्थर सर्दियों में न तो अधिक ठंडा होता है और न ही गर्मियों में अधिक गर्म। दुनिया में बहुत ही कम स्थान हैं जहां इस तरह का पत्थर पाया जाता है। सबसे बड़ी बात इस पत्थर में फिसलन बेहद कम होती है, जिसके चलते इसका प्रयोग अधिकांश सीढ़ियों व विदेशों में बन रहे स्विमिंग पूल में किया जाता है, वर्तमान में लोग इसका प्रयोग अपने फार्म हाउस या घर के गार्डन में बने वाकिंग एरिया के लिए भी कर रहे हैं। इसके अलावा छत के तापमान को सामान्य रखने के लिए भी इस पत्थर को लगाया जा रहा है।

यूनेस्को की सिटी ऑफ म्यूजिक में शामिल है ग्वालियर

ग्वालियर संगीत के क्षेत्र में भी विशेष स्थान रखता है। यहाँ पर तानसेन एवं बैजू बावरा सहित कई मशहूर गायक हुए हैं। ग्वालियर का तानसेन समारोह विश्व प्रसिद्ध है। ग्वालियर घराना, ध्रुपद यहाँ के विशेष शास्त्रीकय गायन हैं। यूनेस्को द्वारा ग्वालियर को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’की मान्यता दी गई है, जिससे संगीत के क्षेत्र में ग्वालियर ने विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है।

विश्वस्तरीय स्टेडियम एवं खेल संस्थानों में शुमार है ग्वालियर

ग्वालियर में विश्वस्तरीय स्टेडियम एवं खेल संस्थान हैं। यहाँ विश्व स्तरीय मैच में कई विश्वस्तरीय कीर्तिमान बने हैं। कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम ग्वालियर में एक क्रिकेट मैदान है। इसमें एक बार में 45 हजार दर्शक बैठ सकते हैं। इस मैदान में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक एक दिवसीय मैच खेला गया था, जिसमें सचिन तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट में पहला दोहरा शतक बनाया था।

एशिया का सबसे बड़ा शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय

ग्वालियर में लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय (LNIPE) की स्थापना केन्द्र सरकार सरकार के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा अगस्त 1957 में स्वतंत्रता संग्राम के शताब्दी वर्ष पर लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय (LCPE) के रूप में की गई थी। यह एशिया का सबसे बड़ा शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय है।

इन सबके अलावा ग्वालियर चम्बल अंचल एक ऐसा क्षेत्र है जहां मानव संसाधन की कोई कमी नहीं है। आज यहां से।काफी बड़ी संख्या में लोग पलायन कर। दूसरी ऐसे शहरों में जाते हैं जो उद्योग के क्षेत्र में अग्रणी है। इस के अलावा ग्वालियर की राजधानी से कनेक्टिविटी काफी अच्छी है। और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयास से ग्वालियर की एयर कनेक्टिविटी भी लगातार बेहतर होती जा रही है। अब देखना होगा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेम में इन सब संसाधनों और सुविधाओं को इन्वेस्टर्स के आगे प्रेजेंट कर किस तरह से क्षेत्र में उद्योग होगा।विकास का सपना साकार किया जाएगा!

Gajendra Ingle
Gajendra Ingle
Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular