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मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देख स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में, एडवाइजरी जारी

मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी को सामान्यतः बुखार, रेश और लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है। कुछ रोगियों में चिकित्सकीय हो सकती है। मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित संक्रमण है। जिसके लक्षण सामान्यतः 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते हैं। गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1-10% प्रतिशत है

ग्वालियर, मध्यप्रदेश: ग्वालियर में मंकीपॉक्स वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन द्वारा अहम कदम उठाए गए हैं। दरअसल कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान के नेतृत्व में, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के. राजोरिया ने मंकीपॉक्स से संबंधित नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकना और इस वायरस के प्रति जनसाधारण में जागरूकता बढ़ाना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर डॉ आर के राजौरिया ने बताया कि वरिष्ठ कार्यालय द्वारा मंकीपॉक्स बीमारी के संबंध में प्राप्त दिशा निर्देश गाईड लाईन जारी की गई है, जिसके अनुसार मंकीपॉक्स एक जूनोटिक बीमारी है, जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पाई जाती है। मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी को सामान्यतः बुखार, रेश और लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है। कुछ रोगियों में चिकित्सकीय जटिलतायें (Clinical Complications) हो सकती है। मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित (Self Limited) संक्रमण है। जिसके लक्षण सामान्यतः 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते हैं। गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1-10% प्रतिशत है। मंकीपॉक्स वायरस पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फेल सकता है। उक्त वायरस कटी-फटी त्वचा, Respiratory Tract या Mucus Membrane (आंख, नाक या मुँह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित पशु/वन्य पशु से मानव में वायरस का संचरण काटने, खरोचने, शरीर में तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क, (जैसे दूषित बिस्तर Conteminated Bedding) के माध्यम से हो सकता है।

स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश

उक्त बीमारी के संबंध में अधीनस्थ समस्त स्वास्थ्य संस्था प्रभारियों को भी दिशा निर्देश जारी किये गए हैं। साथ ही आमजन में जागरूकता लाने एवं संबंधित बीमारी के संबंध में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से जिला अस्पताल मुरार में हैल्पडेस्क मोबाईल नम्बर 9713528573 जारी किया गया है। जिसके माध्यम से डॉ. नीतेश मुद्गल (एम.डी. मेडीसिन) व डॉ. राम बंसल (बाल्य एवं शिशु रोग विशेषज्ञ) द्वारा प्रातः 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक आमजन को संबंधित बीमारी के संबंध में आवश्यक जानकारी दी जाकर जगरूक किया जावेगा। उक्त बीमारी के संभावित मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन हेतु जिला चिकित्सालय मुरार में 10 बिस्तरीय आयसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया है। साथ ही आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।

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