अमूमन ऐसी छोटी मोटी घटनायें आपने सुनी होंगी जहां पुलिसकर्मी ठेले वालों और दुकानदारों से कुछ सामान ले लें या कुछ फ्री? में काम करा लें, अपनी गाड़ी सही करा ले हैं या कहीं यात्रा कर लें। और इन सेवाओं और वस्तुओं के बदले में कुछ देने के बजाय अपनी पुलिसिया दबंगई का अंदाज दिखा कर निकल लें। हालांकि ऐसी घटनाएं पुलिस की छवि को खराब करती हैं और जो ईमानदार पुलिसकर्मी हैं लोग उनको भी हेय दृष्टि से देखते हैं। लेकिन एक ऐसा मामला इस समय चर्चाओं। में हैं जहां ग्वालियर के एसपी ऑफिस में पदस्थ एक कर्मचारी ने अपने मकान का पूरा आरसीसी निर्माण करा लिया और बाद में गरीब मजदूरों की मेहनत की कमाई देने से इनकार कर दिया।
भगवान दास उर्फ पप्पू कुशवाह निवासी सुराईया मुरा मुरार ने एसपी ऑफिस में पदस्थ कर्मचारी कृपा शंकर अवस्थी के मकान का RCC निर्माण कार्य का ठेका लिया था। यह मकान पुरुषोत्तम बिहार कॉलोनी गोले का मंदिर में बनना था। इसका रेट पैंसठ रुपये वर्ग फुट के हिसाब से तय था।जिसके अनुसार निर्माण की कुल राशि 234782₹ हुई । आरसीसी निर्माण पूर्ण होने तक कृपा शंकर ने भगवान दास को 1 लाख 25 हजार रुपये तो दिए लेकिन बाकी का बचा 109782₹ देने से इनकार कर दिया। और कुछ समय तक तो संटिग भी नहीं निकालने दी। भगवान दास का कहना है। ये कुछ समय बाद मुझे सेंटिंग। तो मिल गई कि मैं दूसरे साइट पर काम कर सकूँ। लेकिन कृपा शंकर अवस्थी ने शेष रकम देने से साफ इनकार कर दिया। भगवान दास का कहना है कि उन्होंने रकम दिलाने के लिए न्याय। के लिए थाने एसपी साहब डीआईजी और आईजी। साहब तक गुहार लगाई है लेकिन उनको न्याय नहीं मिला।
भगवान दास ने अपनी गुहार जब सामाजिक न्याय व दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नारायण सिंह कुशवा को बताई तो नारायण सिंह कुशवाहा ने पूरे मामले संवेदनशीलता से समझा। और उन्होंने एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम का जिक्र करते हुए पीड़ित भगवानदास को सेंटिंग का सामान और बची हुई रकम वापस दिलाकर मंत्री जी को अवगत कराने के लिए लिखा है। इस मामले में बड़ा सवाल यह है ही काफी लंबे समय से पीड़ित भगवान दास न्याय। की गुहार लिए तमाम पुलिस अधिकारियों के दर दर दर दर भटक रहा है और मामला पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी अधिकारी संवेदनशीलता दिखाते हुए पीड़ित भगवान दास को न्याय नहीं दिला पा रहे। एक बड़ा सवाल यह भी है कि कृपा शंकर एसपी ऑफिस में ही पदस्थ है और उनसे संबंधित इस मामले के चलते एसपी ऑफिस और पुलिस विभाग की छवि भी धूमिल हो रही है। अब देखना होगा कि माननीय मंत्री जी नारायण सिंह कुशवाह का पत्र भगवान दास को न्याय दिला पाता है? क्या भगवान दास ही शेष रकम वापस मिल पाती है?