21 जून का दिन साल का बेहद खास दिनों में से एक होता है, क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। इस दिन सूर्य की किरणें 12 घंटे के मुकाबले धरती पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती हैं। आप भी अनुभव करेंगे कि आज सुबह बहुत जल्दी सूर्य उदय हो गया होगा और शाम को 7:00 7:30 बजे के बाद भी आपको हर जगह रोशनी दिखाई देगी। कल से यह दिन छोटा होता जाएगा और आप देखेंगे कि यह दिसंबर तक पहुंचते पहुंचते ऐसा दिन हो जाएगा की शाम को 5:00 बजे ही अंधेरा हो जाए। 21 जून को सूर्योदय जल्दी और सूर्यास्त देर में होता है। इसी वजह से इसे साल का सबसे लंबा दिन माना जाता है। यही नहीं, 21 जून के दिन रात भी सबसे छोटी होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है और क्या है इसके पीछे की साइंस?
पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने के साथ अपने अक्ष पर भी घूमती है। वह अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इसकी वजह से सूरज की रोशनी धरती पर हमेशा एक जैसी नहीं पड़ती और दिन रात की अवधि में अंतर आता है। 21 जून के दिन सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से चलकर भारत के मध्य से गुजरी कर्क रेखा में आ जाता है। इसलिए सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक धरती पर पड़ती हैं। यही वजह है कि 21 जून को दिन बड़ा और रात छोटी होती है। पृथ्वी की यह सामान्य प्रक्रिया है।
21 जून के दिन दोपहर में सूरज बहुत ऊंचाई पर रहेगा। इसके बाद 21 सितंबर के आसपास दिन व रात की अवधि बराबर हो जाती है। इसके बाद दिन के मुकाबले रात बड़ी होने लगती है। यह प्रक्रिया 22 दिसंबर तक जारी रहती है। इस 22 दिसंबर के दिन की रात साल की सबसे लंबी होती है, जबकि दिन सबसे छोटा होता है। यह एक खगोलीय घटना है। जो पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होने की वजह से होती है।