ग्वालियर मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ग्वालियर हमेशा से व्यापारियों के हित की लड़ाई लड़ता रहा है। हर परिस्थिति में व्यापारी के हक की लड़ाई लड़ता नजर आता है। परिस्तिथियाँ कैसे भी हों? मध्यप्रदेश चैंबर ऑफ़ कॉमर्स ने हमेशा यह साबित किया है। वह हर हालत में व्यापारी के साथ खड़ा होता है चाहे उसके सामने प्रशासन हो पुलिस हो या प्रदेश सरकार हो। लेकिन इस बार मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एक ऐसे व्यापारी के पक्ष में खड़ा हो गया जिसने पूरे चेंबर। की फजीहत करा कर रख दी। अपनी खुद की गलतियां छुपाने और अपनी झूठी इज्जत बचाने के लिए इस व्यापारी ने चेंबर ऑफ कॉमर्स की प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी।
मामला रविवार रात का है। जब लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ग्वालियर आए हुए थे।। रात 10 बजे के बाद क्वालिटी। रेस्तरां सिटी सेंटर।मैं खाना खाने पहुँचते हैं।वहाँ उनका स्टाफ और रेस्त्रां मालिक संजय अरोरा से विवाद हो जाता है। विवाद के बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल व अन्य पदाधिकारी भी होटल पहुँच जाते हैं। वहाँ प्रवीण अग्रवाल अग्रवाल बयान देते हैं कि मंत्री नरेंद शिवाजी पटेल शराब पीकर क्वालिटी रेस्त्रां में मारपीट कर रहे थे। उन्हें बर्खास्त करना चाहिए, व्यापारी विधानसभा का घेराव करेंगे। इस मामले में चैंबर अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने रात में ही मीडिया को सीसीटीवी फुटेज भी वायरल किए थे। जिसमें मंत्री और उनके सहयोगी रेस्त्रां में गुंडागर्दी करते नजर आ रहे थे।

इस पूरे मामले में मंत्री जी का कहना था वह रूटीन चेकिंग के लिए रेस्त्रां गए थे। उन्होंने वहां पर अनियमितताएं देखीं जिसके बाद उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को बुलाया रेस्तराँ से सैंपलिंग कराई। और तेल की सैंपलिंग कराई गई तो उसमें जांच में तेल अमानक पाया गया। लोक स्वास्थ्य मंत्री यहाँ तक कह गए कि जब व्यापारी मुझ। जैसे मंत्री पर इतना दबाव बना रहे हैं। तो बाकी यहां क्या हालात होंगे। इस बयान के साथ वह ग्वालियर के व्यापारियों को। कठघरे में खड़ा कर गए और साथ में दबे शब्दों में शायद यह बता गए कि व्यापारियों अधिकारियों की सांठगांठ चरम पर है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है यदि मंत्री जी गलत है। क्वालिटी रेस्तरां सही है। क्वालिटी रेस्तरां के संचालक संजय अरोड़ा सही हैं और उन्हें पूरे व्यापारियों का समर्थन मिल रहा था। तो फिर वह बैकफुट पर क्यों है?
क्वालिटी रेस्तरां के संचालक संजय अरोड़ा जिस तरह से बार-बार बयान बदल रहे हैं। उससे उनके साथ खड़े व्यापारियों और चेंबर ऑफ कॉमर्स की प्रतिष्ठा और ज्यादा धूमिल होती जा रही है। ग्वालियर के इतिहास में सम्भवतः यह पहला मामला है जब किसी व्यापारी ने चेंबर ऑफ कॉमर्स की खुले आम इस तरह फजीहत कराई हो। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में चेंबर ऑफ़ कॉमर्स की। सक्रियता और भूमिका की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। क्योंकि बिना किसी ना नुकुर के बिना वास्तविकता को जाने सभी पदाधिकारी क्वालिजी रेस्तरां संचालक संजय अरोरा के पक्ष में आधी रात को खड़े नज़र आए। और प्रदेश सरकार के मंत्री पर जिस तरह दबाव बनाया वह काबिले तारीफ रहा। और चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने एक बार फिर साबित कर दिया। कि वह व्यापारियों के हित में परिस्थिति में। लड़ाई लड़ेगा।
लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में क्वालिटी रेस्तरां संचालक संजय अरोरा ने जो कुछ किया, वह निंदनीय है। शहर के कई अन्य प्रतिष्ठित व्यापारी भी सोशल मीडिया पर संजय अरोड़ा के खिलाफ भड़ास निकाल रहे हैं। संजय अरोड़ा ने अपने बदले हुए बयान में। यह तक कह दिया कि उन्होंने चैंबर को नहीं बुलाया। ऐसा कहकर तो उन्होंने चेंबर ऑफ कॉमर्स की प्रतिष्ठा ही दाँव पर लगा दी। संजय अरोड़ा ने जिस तरह यू टर्न लिया है। वह साह बताता है के कहीं-न-कहीं। उनका रेस्तरां अमानक वह मिलावटी खाद्य पदार्थ परोस रहा है। और यही वजह रही कि किसी कार्रवाई से बचने के लिए वह अब प्रशासन और शासन के शरणागत हैं। संभवतः भविष्य में ऐसे व्यापारी के पक्ष में खड़े होने से शायद चेंबर भी बचता नजर आएगा। क्योंकि गलत व्यापारी के पक्ष में खड़े होने से चैंबर की प्रतिष्ठा धूमिल होगी और साथ ही जो चैम्बर पदाधिकारी ऐसे बिन पेंदी के लोटे छाप व्यापारी के पक्ष में खड़े होंगे। उन पदाधिकारियों की छवि पर भी बट्टा लगेगा।