भोपाल, मध्य प्रदेश: यदि आप मध्य प्रदेश से हैं युवा हैं और अपनी शिक्षा के बाद सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आ रही है मध्यप्रदेश सरकार ने एक ऐसी बड़ी तैयारी कल है जिससे आने वाले समय में सरकारी नौकरी तलाश रहे युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का रास्ता सहज और सुगम होगा और तमाम नए रास्ते भी खुलेंगे। तो मध्यप्रदेश सरकार ने ऐसा क्या फैसला ले लिया है? और ऋषि क्या तैयारी करने वाली है जिससे सरकारी नौकरी चाहने वाले युवाओं के चेहरे खिल उठेंगे, आइए जानते हैं।
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली भर्ती और चयन परीक्षा में बड़ा परिवर्तन करने जा रही है। राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से होने वाली भर्ती परीक्षाएं अब बार-बार नहीं होंगी। आज भी कई युवाओं में सरकारी नौकरी को लेकर अच्छा खासा रुझान होता है लेकिन कई सारी जटिलताओं की वजह से के रुझान कम होता भी दिखाई दे रहा है, और यह रुझान कम होने का मुख्य कारण कई सारी जटिलताएं और तमाम तरह की अलग अलग परीक्षाओं होता होना ही बताया जाता रहा है।
प्रदेश में द्वितीय और कार्यपालिक तृतीय श्रेणी के पदों की भर्ती पीएससी के माध्यम से होती है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के लिए कर्मचारी चयन मंडल परीक्षाएं कराता है। अभी जैसे-जैसे विभागों की ओर से पद उपलब्ध होते हैं, वैसे-वैसे दोनों एजेंसियां अपने कैलेंडर के हिसाब से परीक्षाएं आयोजित करती हैं। इस प्रक्रिया में न केवल अधिक समय लगता है बल्कि अभ्यर्थियों को बार-बार फीस और परीक्षा देनी पड़ती है। एजेंसियों को भी हर परीक्षा के लिए मानव संसाधन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं करनी होती हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भर्ती परीक्षाओं की व्यवस्था को परिवर्तित करने के निर्देश दिए थे।

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर वर्ष में केवल एक बार परीक्षा होगी और सभी श्रेणी के पदों के लिए प्रावीण्य सूची बना ली जाएगी। प्रतीक्षा सूची भी एक ही रहेगी। इसके लिए पदों की संख्या सभी विभागों से वर्ष में एक बार पूछ ली जाएगी और उसके आधार पर सितंबर में आगामी वर्ष के लिए कैलेंडर निर्धारित हो जाएगा। जनवरी, 2026 से भर्ती-चयन की यह प्रक्रिया लागू करने की तैयारी सामान्य प्रशासन विभाग कर रहा है। अभी तक प्रक्रिया को अपनाने के लिए कितनी तैयारी कर?ली गई है।और क्याक्या चुनौतियां आने वाली है इस बारे में हालांकि अभी तक कुछ खुलासा नहीं हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पारदर्शिता के लिए नियम से लेकर परीक्षा का पूरा ब्योरा ऑनलाइन रहेगा। अभी पीएससी के माध्यम से होने वाली परीक्षा में कई बातें सार्वजनिक नहीं की जाती हैं, जिससे अभ्यर्थी कोर्ट चले जाते हैं। परीक्षा परिणाम या चयन सूची पर रोक लगा जाती है। पूरी प्रक्रिया रुक जाती है। आगे ऐसा न हो, इसके लिए सभी जानकारियां ऑनलाइन की जाएंगी ताकि किसी को सूचना के अभाव में कोई संदेह न रहे। प्रदेश में आगामी दो-तीन साल में दो से ढाई लाख सरकारी पदों पर भर्तियां होनी हैं। इसमें रिक्त पदों के साथ पदोन्नति होने पर खाली होने वाले पद भी शामिल हैं। ये सभी पद समयसीमा में भर जाएं, इसके लिए चयन प्रक्रिया में व्यापक परिवर्तन किया जा रहा है।
