ग्वालियर मध्य प्रदेश: जैसे ही आईपीएल शुरू होता है उसके साथ ही पूरे देश में एक और अवैध कारोबार शुरू हो जाता है और वह है सट्टा। देश के हर शहर में आईपीएल लिए सट्टा खिलाए जाने वाले एप पर सट्टा खेलते हुए सटोरिए पकड़े जाते हैं। कितने लोग इस तरह का सट्टा खिलाते होंगे और कितने पकडे जाते हैं? इसके बारे में आंकड़े तो नहीं है लेकिन ऐसा बताया जाता है कि कुछ ही मामले पुलिस तक पहुंचते हैं। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर क्राइम ब्रांच। को मुखबिर के द्वारा पता चला। और पुलिस ने स्पॉट पर पहुंचकर सटोरियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
क्राइम ब्रांच ग्वालियर को मुखबिर के द्वारा जानकारी मिली थी। के एक चिन्हित स्थान पर आईपीएल पर सट्टा खिलाया जा रहा है क्राइम? ब्रांच ने बहोड़ापुर थाने को साथ ले, कार्रवाई करते हुए मुखबिर द्वारा बताए गए स्पॉट दाने बाबा मंदिर पार्क के पास दबिश दी। तो वहां सट्टा खेलते और खिलाते आरोपियों को रंगे हाथों पकडा। जब पुलिस ने सटोरियों के मोबाइल को खंगाला उसमें ब्राउजर पर आईपीएल सट्टे। की आईडी फूली हुई थी। साथ ही मोबाइल में लाखों रुपए के लेनदेन का हिसाब भी मिला है। आईपीएल साथ ही शहर में कई जगह सट्टा खेला जा रहा है और पुलिस आईपीएल सट्टा रोकने के लिए एक्शन मोड में नजर आ रही है।

पुलिस ने आईपीएल क्रिकेट पर सट्टा खेलते हुए जिन। तीन आरोपियों को पकड़ा है उनमें सौरभ त्यागी उम्र तेईस वर्ष सचिन त्यागी उम्र बाईस वर्ष और सुमित शर्मा उम्र अट्ठाईस वर्ष हैं। तीनों ही आरोपी कम उम्र के हैं। इससे पहले भी कई बार सट्टा कारोबार में कम उम्र के आरोपी पकड़े जा चुके हैं। मनोवैज्ञानिक बताते हैं जल्दी पैसा कमाने तमाम संसाधनों। को इकट्ठा करने की लालच में यह युवा कम उम्र में कट्टे के अवैध कारोबार में कूद जाते हैं। उस समय इनका एकमात्र उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना होता है, और सट्टा ही उन्हें इसका शॉर्ट कट रास्ता नजर आता है।
पुलिस ने जब इन आरोपियों से पूछताछ की तो तमाम चौंकाने वाले खुलासे हुए। इन आरोपियों को ऑनलाइन सट्टा खिलाने के लिए आईडी एक हरेंद्र नामक सटोरिया ने उपलब्ध कराई थी। इस आईडी की एवज में उसने बीस हजार रुपए लिए थे। अब हरेंद्र का कनेक्शन नेशनल लेवल के कौन से सटोरियों से है। और पूरे देश में सट्टे का यह नेक्सस कौन चला रहा है इस बारे में खुलासा नहीं हुआ है। आईपीएल पर चल रहे इस अवैध सत्ता के खेल में पुलिस ने इन तीन आरोपियों के रूप में छोटी मछली को तो पकड़ लिया है। लेकिन यदि हरेंद्र तक पहुँच आगे और लिंक जोड़े जाएं तो राष्ट्रीय स्तर के बड़े सटोरिए तक पुलिस पहुंच सकती है!
