ग्वालियर मध्य प्रदेश: प्रदेश में आउटसोर्सिंग अव्यवस्था के खिलाफ अब मोर्चा खोल दिया गया है। ग्वालियर सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपे गए। ग्वालियर में मध्यप्रदेश संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। ग्वालियर कलेक्ट्रेट के बाहर ज्ञापन सोते हुए आउट सोर्स कर्मचारियों की 08 सूत्रीय मांगों को रखा।

ये है प्रमुख मांगे-
– राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन पूर्व में सेवाऐं दे चुके सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए अविा पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अधीन संविदा में मर्ज किया जावे।
– विभिन्न पदों पर सेवाएँ दे रहें आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग में तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के नियमित रिक्त पदों पर मर्ज किया जाऐ।
– संविदा नीति 2018 एवं 2023 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार नीति अनुसार मंहगाई भत्ता सहित नीति का पूर्ण लाभ दिया जाये।
– विभाग के अधीन 3 वर्ष से लगाता सेवाएँ दे चुके आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन नियमों में परिवर्तन किया जाए एवं वेतन वृद्धि की जाए
– नियमित, संविदा कर्मचारियो की तरह आउसोर्स की महिला कर्मचारियों को (1)6 माह का प्रसूति अवकाश दिया जाऐ, (2) 15 दिवस का मेडिकल अवकाश (3) 15 EL अवकाश दिया जाए (4) आकस्मिक अवकाश दिया जाये
– माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन दिया जाऐ
– निष्कासित कर्मचारियो को वापस लिया जाये
– भविष्य में बिना जाँच के किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को सेवा से पृथक न किया जाये।

मध्यप्रदेश संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह का कहना ही कि आउटसोर्स कर्मचारी के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और उनके हित से जुड़ी हुई प्रमुख मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि जिला स्तर पर ज्ञापन सौंप गए हैं। यदि जल्द उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश के सभी जिलों में आउटसोर्स संविदा कर्मचारीयो के जरिए बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।